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Ambedkar Jayanti Speech in Hindi 2025: संविधान निर्माता को समर्पित भावभीनी श्रद्धांजलि

Ambedkar Jayanti Speech in Hindi 2025 : 14 अप्रैल 2025 को Ambedkar Jayanti पर दें यह प्रभावशाली भाषण! डॉ. अंबेडकर के जीवन, संविधान योगदान और प्रेरक विचारों को हिंदी में जानें।

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Ambedkar Jayanti Speech in Hindi 2025 : 14 अप्रैल 2025 को पूरा देश भारतीय संविधान के शिल्पकार और समाज सुधारक डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाएगा। यह दिन न सिर्फ एक महान व्यक्तित्व को याद करने का अवसर है, बल्कि सामाजिक न्याय, समानता और शिक्षा के प्रति उनके विचारों को आगे बढ़ाने का भी दिन है। अगर आपको स्कूल, कॉलेज या किसी सामाजिक कार्यक्रम में Ambedkar Jayanti Speech in Hindi 2025 देने का मौका मिला है, तो यह आर्टिकल आपके लिए पूरी तरह से तैयार किया गया है। यहां हम आपके लिए एक प्रभावशाली भाषण का ड्राफ्ट लेकर आए हैं, जिसमें डॉ. अंबेडकर के जीवन, संघर्ष, विचारधारा और उनके योगदान को शामिल किया गया है।

Ambedkar Jayanti Speech 2025: ऐसे करें शुरुआत

“माननीय प्रधानाचार्य जी, शिक्षकगण, मेरे प्यारे साथियों और यहां उपस्थित सभी अतिथियों को सुप्रभात। आज हम सभी यहां भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। यह दिन केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि उन मूल्यों को याद करने का दिन है, जिनके लिए बाबासाहेब ने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। समानता, शिक्षा और सामाजिक न्याय के प्रति उनका संघर्ष आज भी हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। आज मुझे इस पावन अवसर पर कुछ शब्द कहने का मौका मिला है, इसके लिए मैं आप सभी का आभार व्यक्त करता हूं।”

डॉ. अंबेडकर का जीवन परिचय और संघर्ष

डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में एक दलित परिवार में हुआ था। बचपन से ही उन्हें जातिगत भेदभाव का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनकी शिक्षा की भूख इतनी प्रबल थी कि वह भारत से लेकर अमेरिका और ब्रिटेन तक पढ़ाई करने गए। कोलंबिया यूनिवर्सिटी से पीएचडी और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से डॉक्टरेट की डिग्री हासिल कर उन्होंने साबित कर दिया कि शिक्षा ही सामाजिक परिवर्तन का सबसे बड़ा हथियार है। उनका कहना था— “शिक्षा बाघिन का दूध है, जो इसे पीएगा, वह जरूर गुर्राएगा!”

भारतीय संविधान में अंबेडकर का योगदान

डॉ. अंबेडकर को भारतीय संविधान का मुख्य वास्तुकार माना जाता है। उन्होंने देश के हर नागरिक के मौलिक अधिकारों, धार्मिक स्वतंत्रता और समानता को संविधान में स्थान दिया। उनका मानना था कि “संविधान केवल कानूनों का दस्तावेज नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का माध्यम है।” उन्होंने महिलाओं के अधिकारों, श्रमिकों के हक और शोषित वर्गों के उत्थान के लिए कई प्रावधान बनाए, जो आज भी हमारे लोकतंत्र की नींव हैं।

अंबेडकर के प्रेरक विचार और कोट्स

  1. “हमें भाग्य में नहीं, अपने कर्म में विश्वास रखना चाहिए।”
  2. “मैं किसी समाज की प्रगति को उसकी महिलाओं की प्रगति से मापता हूं।”
  3. “शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो।”
  4. “जीवन लंबा होने के बजाय महान होना चाहिए।”

समापन: अंबेडकर के सपनों का भारत बनाने की प्रेरणा

“आज जब हम डॉ. अंबेडकर की जयंती मना रहे हैं, तो हमारा यह कर्तव्य बनता है कि हम उनके सपनों के भारत को साकार करने में अपना योगदान दें। शिक्षा को बढ़ावा दें, भेदभाव मुक्त समाज बनाएं और संविधान में दिए गए अधिकारों का सम्मान करें। आइए, हम सभी यह प्रण लें कि बाबासाहेब के विचारों को अपनाकर एक बेहतर देश का निर्माण करेंगे। धन्यवाद!”

Ambedkar Jayanti Speech in Hindi 2025: संविधान निर्माता को समर्पित भावभीनी श्रद्धांजलि

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