Anaj Bhandaran Yojana : भारत सरकार ने किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी दी है। अब देश के हर गांव में अनाज भंडारण केंद्र बनाए जाएंगे, ताकि किसानों को अपनी फसल सही दाम पर बेचने का मौका मिल सके। सहकारिता मंत्रालय की इस महत्वाकांक्षी Anaj Bhandaran Yojana को दुनिया की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना बताया जा रहा है। 31 मई 2023 को मंजूरी मिलने के बाद यह योजना प्रायोगिक तौर पर शुरू की गई है और अब तक 11 राज्यों में गोदाम बनकर तैयार हो चुके हैं। इसका मुख्य उद्देश्य प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) के जरिए गांव-गांव में भंडारण सुविधाएं बढ़ाना है, जिससे किसानों को फसल की आपातकालीन बिक्री से बचाया जा सके।
कितने गोदाम बन चुके हैं?
अब तक 11 राज्यों में 11 PACS के तहत गोदाम बनाए जा चुके हैं, जिनकी कुल भंडारण क्षमता 9,750 मीट्रिक टन है। महाराष्ट्र के अमरावती में 3,000 मीट्रिक टन क्षमता वाला सबसे बड़ा गोदाम तैयार हुआ है, जबकि त्रिपुरा और राजस्थान में 250-250 मीट्रिक टन के छोटे गोदाम बनाए गए हैं। इसके अलावा, 500 और PACS के लिए आधारशिला रखी जा चुकी है और कुल 575 PACS की पहचान की गई है। कर्नाटक ने इस योजना में सबसे तेज प्रगति दिखाई है, जहां 2028-29 तक 218 PACS बनाने का लक्ष्य था, लेकिन अब तक 128 PACS गठित हो चुके हैं। बीदर जिले के एकम्बा में 1,000 मीट्रिक टन का गोदाम भी तैयार हो गया है।
क्या होगा फायदा?
इस योजना से किसानों को कई बड़े लाभ मिलेंगे:
✔️ फसल की बर्बादी पर रोक लगेगी
✔️ किसानों को उनकी उपज का बेहतर दाम मिल सकेगा
✔️ आपातकालीन बिक्री की मजबूरी खत्म होगी
✔️ PACS को खरीद केंद्र और उचित मूल्य की दुकानों (FPS) के रूप में विकसित किया जाएगा
✔️ परिवहन लागत में कमी आएगी
2 लाख PACS का लक्ष्य
सरकार का लक्ष्य देश की सभी पंचायतों और गांवों को जोड़ने के लिए 2 लाख बहुउद्देशीय PACS बनाने का है, जिसमें डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियां भी शामिल होंगी। सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में बताया कि यह योजना किसानों के लिए विकेंद्रीकृत भंडारण क्षमता बढ़ाने और खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) भी जारी की गई है।
हालांकि, योजना अभी शुरुआती चरण में है और इसके असली प्रभाव को लेकर अभी इंतजार करना पड़ सकता है। कुछ राज्यों जैसे महाराष्ट्र और राजस्थान में निर्माण कार्य धीमी गति से चल रहा है, जबकि कर्नाटक ने तेजी दिखाई है। सरकार ने इस योजना को सफल बनाने के लिए कृषि अवसंरचना कोष (AIF), कृषि विपणन अवसंरचना योजना (AMI) और प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना (PMFME) जैसी मौजूदा योजनाओं का भी सहारा लिया है।
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