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ई-नाम प्लेटफॉर्म से जुड़ी 21 नई मंडियां; भारत में कृषि व्यापार को मिलेगा बढ़ावा

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भारत सरकार की केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राजस्थान की 21 मंडियों को इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट (E-NAM) प्लेटफॉर्म से जोड़ने की मंजूरी दी है। इसके साथ ही, अब देश भर की लगभग 1,400 से अधिक मंडियां इस डिजिटल प्लेटफॉर्म से जुड़ चुकी हैं, जो कृषि व्यापार को और अधिक सुलभ और पारदर्शी बना रही हैं। इस पहल से किसानों को अपने कृषि उत्पादों को विभिन्न राज्यों में आसानी से बेचने का अवसर मिलेगा, जो उन्हें बेहतर कीमत हासिल करने में मदद करेगा।

E-NAM: क्या है और कैसे काम करता है?

E-NAM एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जिसे भारत सरकार ने 2016 में शुरू किया था। इसका उद्देश्य किसानों को एकल बाजार से जोड़कर कृषि उत्पादों की बिक्री को सुगम बनाना है। यह प्लेटफॉर्म देशभर के विभिन्न राज्यों के बीच कृषि उत्पादों का व्यापार बढ़ाने में मदद करता है, जिससे किसानों को अपनी उपज के लिए बेहतर बाजार मिल सके। किसान अब अपने खेतों से सीधे मंडियों में अपनी फसल बेच सकते हैं, बिना किसी बिचौलिए के।

नए राज्यों और मंडियों का जुड़ना

हाल ही में राजस्थान की 21 मंडियों को E-NAM से जोड़ा गया है, जिससे इस प्लेटफॉर्म से जुड़ी मंडियों की संख्या बढ़कर लगभग 1,400 हो गई है। इस प्लेटफॉर्म के जरिए किसानों को उनकी उपज की बिक्री के लिए डिजिटल रूप से अधिक अवसर मिलते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, E-NAM प्लेटफॉर्म का विस्तार जारी है और कई राज्य सरकारें इसे अपने राज्यों की मंडियों में लागू करने की योजना बना रही हैं।

E-NAM पर देशभर की मंडियां:

राज्य मंडियों की संख्या
तमिलनाडु 157
राजस्थान 145
गुजरात 144
मध्य प्रदेश 139
महाराष्ट्र 133
उत्तर प्रदेश 125
हरियाणा 108

इसका असर दिख रहा है, क्योंकि ई-नाम पर व्यापार बढ़ता जा रहा है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में 1,500 और मंडियों को E-NAM से जोड़ने का ऐलान किया था, जिससे व्यापार और भी बढ़ेगा।

E-NAM प्लेटफॉर्म पर व्यापार में वृद्धि

E-NAM प्लेटफॉर्म पर 2024-25 के अप्रैल से अक्टूबर तक 39,000 करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार हुआ है, जो पिछले साल के मुकाबले 6 फीसदी ज्यादा है। पिछले पांच सालों में इस प्लेटफॉर्म पर होने वाले सालाना व्यापार में 110 फीसदी की वृद्धि हुई है। आंकड़ों के अनुसार, 2019-20 में E-NAM प्लेटफॉर्म पर कुल व्यापार 34,940 करोड़ रुपये था, जो 2024 तक बढ़कर 78,424 करोड़ रुपये हो गया है।

E-NAM पर व्यापार के बढ़ने के कारण:

  • अंतर-मंडी और अंतरराज्यीय व्यापार में वृद्धि: E-NAM के माध्यम से कृषि उत्पादों की बिक्री में बढ़ोतरी हो रही है, खासकर विभिन्न राज्यों के बीच।
  • किसान अब डिजिटल तरीके से जुड़ रहे हैं: किसान धीरे-धीरे इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं और उनकी उपज को बेहतर कीमत मिल रही है।
  • सरकारी प्रयास: कृषि मंत्रालय ने राज्य सरकारों से कृषि व्यापार को सरल बनाने के लिए कुछ नियमों में ढील देने की सिफारिश की है, ताकि व्यापारियों को बिना बैंक गारंटी के कृषि उत्पादों की खरीद-बिक्री करने की अनुमति दी जा सके।

किसान कैसे कर रहे हैं E-NAM का उपयोग?

E-NAM प्लेटफॉर्म किसानों के लिए बहुत लाभकारी साबित हो रहा है। इसमें धान, मक्का, कपास, प्याज, फूलगोभी, और टमाटर जैसे कृषि उत्पादों का व्यापार किया जा रहा है। किसानों को अब अपनी उपज मंडी में लाने की जरूरत नहीं पड़ती, बल्कि वे सीधे अपने खेत से ही इसे ऑनलाइन बेच सकते हैं।

कई राज्य, जैसे आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटका, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर, ने इस प्लेटफॉर्म के जरिए किसानों को अपने उत्पाद बेचने का मौका दिया है। इस प्रक्रिया से किसानों को अधिक पारदर्शिता और बेहतर मूल्य मिल रहा है।

ई-नाम के लाभ:

  1. आसान और सुलभ व्यापार: किसान अपनी उपज को आसानी से बेच सकते हैं और विभिन्न राज्यों के व्यापारियों से बेहतर कीमत प्राप्त कर सकते हैं।
  2. बिचौलिए का हटना: यह प्लेटफॉर्म बिचौलिए की भूमिका को खत्म करता है, जिससे किसान अधिक लाभ कमा सकते हैं।
  3. पारदर्शिता: डिजिटल प्लेटफॉर्म होने के कारण व्यापार में पारदर्शिता बढ़ी है, जिससे किसानों को अपने उत्पाद की सही कीमत मिल रही है।
  4. समय और यात्रा की बचत: किसान अब अपनी उपज को मंडी में लाने के लिए दूर-दूर तक यात्रा नहीं करते, बल्कि वे ऑनलाइन व्यापार कर सकते हैं।

आने वाले समय में ई-नाम की बढ़ती भूमिका

आने वाले समय में ई-नाम प्लेटफॉर्म को और भी अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए केंद्र सरकार कई नई योजनाएं ला सकती है। इसके माध्यम से कृषि उत्पादों के व्यापार में पारदर्शिता और तेजी आएगी, जिससे किसान और व्यापारी दोनों को लाभ होगा।

केंद्र सरकार और राज्य सरकारें मिलकर इस प्लेटफॉर्म को और भी सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रही हैं। इस दिशा में उठाए गए कदम निश्चित रूप से भारतीय कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे।

ई-नाम प्लेटफॉर्म से जुड़ी 21 नई मंडियां; भारत में कृषि व्यापार को मिलेगा बढ़ावा

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