मेघदूत एग्रो, हरियाणा: हरियाणा के गांवों में मार्च और अप्रैल का महीना एक खास उत्सव की तरह होता है, जब गेहूं की कटाई जोरों पर चलती है और खेतों में सुनहरी बालियों की लहर हर किसान के चेहरे पर मुस्कान ले आती है। लेकिन इसी दौर में आगजनी की घटनाएं किसानों की सालभर की मेहनत को राख में बदल सकती हैं।
ताजा अपडेट के मुताबिक, इस गंभीर खतरे को भांपते हुए Dakshin Haryana Bijli Vitran Nigam (DHBVN) और Uttar Haryana Bijli Vitran Nigam (UHBVN) ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए बिजली आपूर्ति के समय में बदलाव किया है। अब 30 अप्रैल तक सुबह 8 बजे से शाम 6:30 बजे तक ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली बंद रहेगी और रात को भी 12:30 से 4:30 बजे तक बिजली कटौती लागू रहेगी।
यह कदम उन इलाकों में विशेष रूप से लागू किया गया है जहां खेतों के ऊपर से हाई टेंशन लाइनें गुजरती हैं और गर्मियों में Sparking की वजह से फसल जलने का खतरा ज्यादा रहता है। बिजली निगमों का यह फैसला किसानों के लिए एक सेफ्टी कवच की तरह है, जो फसल की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
इस बदलाव का स्वागत करते हुए महेंद्र सिंह जैसे किसानों ने कहा कि पिछले साल फसल में आग लगने से बड़ा नुकसान हुआ था, लेकिन इस बार समय पर उठाए गए कदम से खेत सुरक्षित रहेंगे। वहीं गांव की सरपंच सुनीता देवी ने इस फैसले को ग्रामीणों के हित में बताते हुए कहा कि इससे न सिर्फ फसल की सुरक्षा होगी बल्कि किसानों को मानसिक सुकून भी मिलेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय हरियाणा में सस्टेनेबल एग्रीकल्चर प्रैक्टिसेस को बढ़ावा देगा और ग्रीन एनर्जी मैनेजमेंट के क्षेत्र में एक मिसाल बनेगा। फसलों की सुरक्षा के साथ-साथ बिजली की तकनीकी सुधारों के लिए भी रात की कटौती अहम साबित होगी।
यह नीति न केवल कृषि आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देगी बल्कि सरकार की प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की रणनीति को भी बेहतर बनाएगी। इस कदम से यह साफ है कि हरियाणा सरकार अब पर्यावरणीय चुनौतियों और किसान हितों को प्राथमिकता देने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
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