Haryana Dead Body Bill: हरियाणा में अब राजस्थान की तर्ज पर शवों के साथ सड़कों पर प्रदर्शन करना पूरी तरह प्रतिबंधित हो गया है। विधानसभा में बुधवार को पारित हरियाणा शव सम्मान निपटान विधेयक के तहत इस तरह के प्रदर्शन करने वालों को 6 महीने से 3 साल तक की जेल और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। यह कानून न केवल सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए बनाया गया है, बल्कि मृतकों के सम्मानजनक अंतिम संस्कार को भी सुनिश्चित करेगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सदन को स्पष्ट किया कि इस कानून से किसी के मौलिक अधिकारों का हनन नहीं होगा, बल्कि यह सार्वजनिक शालीनता और मृतकों की गरिमा को बचाने के लिए जरूरी कदम है।
हालांकि, इस विधेयक पर कांग्रेस विधायकों ने जमकर आपत्ति जताई। कांग्रेस के विधायक रघुवीर कादियान ने सदन में सवाल उठाया कि केंद्र सरकार ने पहले इस विधेयक को किन आधारों पर वापस भेजा था और क्या यह वास्तव में जनता के अभिव्यक्ति के अधिकारों को प्रभावित नहीं करेगा? इस पर मुख्यमंत्री सैनी ने जवाब देते हुए कहा कि केंद्र सरकार की ओर से जिन बिंदुओं पर आपत्तियां थीं, उन्हें पूरी तरह दूर कर दिया गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह कानून केवल शवों के साथ सार्वजनिक स्थानों पर राजनीतिक या सामाजिक प्रदर्शन करने पर रोक लगाता है, न कि किसी के अंतिम संस्कार के अधिकारों में दखल देता है।
इस विधेयक के पारित होने के साथ ही हरियाणा उन चुनिंदा राज्यों में शामिल हो गया है जहां शवों के साथ प्रदर्शन करने पर सख्त कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को अब ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई करने का अधिकार मिल गया है। सरकार का मानना है कि यह कदम न केवल सार्वजनिक स्थानों पर होने वाले अव्यवस्थित प्रदर्शनों को रोकेगा, बल्कि मृतकों के परिजनों को भी राजनीतिक या सामाजिक दबाव से मुक्ति दिलाएगा। हाल के वर्षों में हरियाणा के कई हिस्सों में शवों को सड़कों पर रखकर प्रदर्शन करने की घटनाएं बढ़ी थीं, जिसके चलते यह कानून लाया गया है।