ब्लैक मार्केट में नए नोटों की कालाबाजारी, बाजार से गायब हुए 10, 20 और 50 रुपए के नोट!

ब्लैक मार्केट में नए नोटों की कालाबाजारी, बाजार से गायब हुए 10, 20 और 50 रुपए के नोट!

मेघदूत एग्रो, बठिंडा: पंजाब के बठिंडा जिले से आई एक चौंकाने वाली रिपोर्ट ने वित्तीय अव्यवस्था की परतें खोल दी हैं, जहां ₹10, ₹20 और ₹50 के नोटों की भारी किल्लत से आमजन बेहाल है। छोटे दुकानदार, ऑटो चालक, सब्ज़ी विक्रेता और विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के लोग छुट्टे नोट न होने की वजह से रोज़मर्रा की खरीददारी में असहाय हो चुके हैं।

जबकि ₹100, ₹200 और ₹500 के नोट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं, लेकिन छुट्टे की कमी के चलते उपभोक्ता मजबूरी में अधिक भुगतान करने को मजबूर हैं या उधारी लेना पड़ रहा है। स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब पता चलता है कि जिन बैंकों और एटीएम में ये नोट उपलब्ध नहीं, वहीं बाज़ार में वही नोट 500 से 600 रुपये प्रति बंडल की दर से खुलेआम बिक रहे हैं। यह साफ तौर पर ब्लैक मार्केटिंग और नोटों की जमाखोरी की ओर इशारा करता है।

Punjab Retail & Wholesale Karyana Association के अध्यक्ष प्रमोद गुप्ता और महासचिव सतीश जिंदल ने इसे लेकर कई बार बैंकों से संपर्क किया, लेकिन समाधान न मिलने पर मजबूरन RBI लोकपाल चंडीगढ़ को पत्र भेजकर जांच की मांग की गई है।

यह सवाल भी उठता है कि जब बैंक और एटीएम में ये नोट नहीं हैं, तो आखिर ये बंडल ब्लैक में कहां से आ रहे हैं? यह समस्या सिर्फ बठिंडा तक सीमित नहीं बल्कि मोगा, लुधियाना और फिरोजपुर जैसे जिलों में भी देखी जा रही है।

विशेषज्ञों का कहना है कि यदि आरबीआई और स्थानीय प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो यह संकट और गहराता जाएगा। RBI की आधिकारिक वेबसाइट पर छोटे मूल्यवर्ग के नोटों की छपाई और आपूर्ति से जुड़ी जानकारी उपलब्ध है, लेकिन ज़मीनी सच्चाई इससे उलट है। अब देखना यह है कि क्या भारतीय रिजर्व बैंक इस Indian Currency Update पर त्वरित और प्रभावी कदम उठाएगा, या जनता को इसी तरह परेशानी उठानी पड़ेगी।

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