buffalo pregnancy test: आज के समय में पशुपालन (Animal Husbandry) एक चुनौतीपूर्ण कार्य बनता जा रहा है। केमिकल युक्त खाद और उर्वरकों के इस्तेमाल से पशुओं में गर्भधारण (Pregnancy) न होना, दूध उत्पादन में कमी जैसी कई समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। इन समस्याओं से निपटने के लिए अब टेक्नोलॉजी (Technology) ने एक नया समाधान दिया है।
केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान (CIRB), हिसार और भारत सरकार के बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने मिलकर ‘प्रेग डी किट’ विकसित की है। इस किट की मदद से पशुपालक घर पर ही यह जान सकते हैं कि उनकी भैंस गाभिन है या नहीं।
प्रेग डी किट का उपयोग करना बेहद आसान है। भैंस के मूत्र को किट पर डालने के बाद रंग बदलने पर परिणाम स्पष्ट हो जाता है। गहरा लाल या बैंगनी रंग गर्भधारण की पुष्टि करता है, जबकि पीला रंग नकारात्मक परिणाम दर्शाता है।
इस किट का सफल परीक्षण मिथुन पशु पर किया जा चुका है। यह जल्द ही बाजार में उपलब्ध होगी, जिससे पशुपालकों को गर्भधारण की पुष्टि करने में आसानी होगी।
पशुपालकों को सलाह दी जाती है कि किट का उपयोग करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि पशु बीमार न हो। मूत्र का तापमान 20 से 30 डिग्री के बीच होना चाहिए।
प्रेग डी किट पशुपालन में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली है। इससे समय और धन दोनों की बचत होगी। तकनीकी अपडेट और जानकारी के लिए हमारे साथ बने रहें।
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