Central Government Employees- नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लगा दिया है। संसद में दिए गए एक स्पष्टीकरण में सरकार ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। साथ ही, युवाओं को रोजगार देने के लिए नई पहल की जा रही है।
हाल ही में भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने सरकार से सवाल किया था कि क्या सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा को घटाकर 30 साल की सेवा अवधि या 60 साल की उम्र, जो भी पहले हो, करने का विचार है। इस सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने साफ किया कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है और न ही इस पर कोई विचार चल रहा है।
सरकार ने यह भी कहा कि युवाओं को रोजगार देने के लिए रोजगार मेले और अन्य पहल की जा रही हैं। सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा में बदलाव करना इसका समाधान नहीं है। सरकार का मानना है कि युवाओं को रोजगार देने के लिए नए अवसर पैदा करने की जरूरत है, न कि मौजूदा कर्मचारियों की नौकरियों को छोटा करने की।
इस मामले में सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि कर्मचारियों की दक्षता, क्षमता या आउटपुट के आधार पर उनकी सेवानिवृत्ति के बारे में कोई विचार नहीं किया जा रहा है। सरकारी कर्मचारियों की नौकरी की सुरक्षा और उनके अधिकारों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
क्या था मामला?
पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया और कर्मचारी संगठनों में यह अफवाह फैल रही थी कि सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा को घटाकर 30 साल की सेवा अवधि या 60 साल की उम्र करने का प्रस्ताव है। इस अफवाह ने कर्मचारियों और उनके परिवारों में चिंता पैदा कर दी थी। हालांकि, सरकार ने इन अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है।
युवाओं को रोजगार देने की पहल
सरकार ने युवाओं को रोजगार देने के लिए कई नई पहल की हैं। इनमें रोजगार मेले, स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम और नए उद्योगों को बढ़ावा देना शामिल है। सरकार का मानना है कि युवाओं को रोजगार देने के लिए नए अवसर पैदा करने की जरूरत है, न कि मौजूदा कर्मचारियों की नौकरियों को छोटा करने की।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
श्रम विशेषज्ञों का मानना है कि सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा में बदलाव करना एक जटिल मुद्दा है। इससे न केवल कर्मचारियों की नौकरी की सुरक्षा प्रभावित होगी, बल्कि सरकारी विभागों के कामकाज पर भी असर पड़ सकता है। इसलिए, सरकार का यह फैसला सही दिशा में एक कदम है।