Edible Oils Price 13 March 2025: गर्मी का मौसम आते ही खाद्य तेलों की खपत में कमी देखने को मिल रही है, खासकर पाम ऑयल की। 13 मार्च 2025 को जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, पाम ऑयल की खपत और आयात दोनों में गिरावट दर्ज की गई है। इसका सीधा असर खाद्य तेलों की कीमतों पर पड़ा है। साथ ही, अन्य खाद्य तेलों जैसे सोयाबीन और सूरजमुखी तेल की मांग में इजाफा हुआ है। आइए, जानते हैं खाद्य तेल बाजार के ताजा अपडेट और कीमतों के बारे में विस्तार से।
पाम ऑयल की खपत और आयात में गिरावट
तेल सीजन (नवंबर 2024 से फरवरी 2025) के दौरान पाम ऑयल का आयात 35% घटकर 1.98 मीट्रिक टन रह गया है। यह गिरावट पिछले साल के इसी अवधि के मुकाबले काफी ज्यादा है। इसकी मुख्य वजह यह है कि नवंबर में ही पाम ऑयल का स्टॉक काफी अधिक कर लिया गया था, जिससे बाद में आयात की जरूरत कम पड़ी। 1 मार्च 2025 तक पाम ऑयल का स्टॉक घटकर 1.85 मीट्रिक टन रह गया है।
सोयाबीन और सूरजमुखी तेल की मांग बढ़ी
पाम ऑयल की खपत घटने के साथ ही सोयाबीन और सूरजमुखी तेल की मांग में उछाल देखने को मिला है। नवंबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच सोयाबीन और सूरजमुखी तेल का आयात 70% बढ़कर 2.67 मीट्रिक टन हो गया है। यह बदलाव इसलिए आया क्योंकि उपभोक्ताओं ने पाम ऑयल के मुकाबले सॉफ्ट ऑयल (सोयाबीन और सूरजमुखी तेल) को तरजीह देना शुरू कर दिया है।
खाद्य तेलों की कीमतों पर असर
पाम ऑयल की कीमतों में पिछले कुछ समय से मजबूती देखने को मिली है, लेकिन इसके बावजूद इसकी खपत घटी है। इसका कारण है कि पाम ऑयल के दाम अन्य तेलों के मुकाबले अधिक हैं। इसके चलते उपभोक्ताओं ने सोयाबीन और सूरजमुखी तेल की ओर रुख किया है। SEA (सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) के अनुसार, आने वाले समय में पाम ऑयल का आयात और घट सकता है।
भारत में खाद्य तेलों का आयात
भारत में खाद्य तेलों का कुल आयात नवंबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच 4.8 मीट्रिक टन रहा, जो पिछले साल के मुकाबले 4% अधिक है। हालांकि, पाम ऑयल का आयात 66% से घटकर 43% रह गया है। वहीं, सॉफ्ट ऑयल (सोयाबीन और सूरजमुखी तेल) का आयात 34% से बढ़कर 57% हो गया है।
वनस्पति तेलों की खपत में कमी की उम्मीद
2024-25 के तेल सीजन में वनस्पति तेलों की खपत घटने की उम्मीद है। SEA के अनुसार, पाम ऑयल के बढ़ते दामों ने इसकी खपत और आयात दोनों को प्रभावित किया है। इसके चलते सोयाबीन और सूरजमुखी तेल की मांग बढ़ी है।