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किसानों के लिए खुशखबरी, खरीफ सीजन में मिलेगी सस्ती खाद, सरकार ने बढाई सब्सिडी दरें

Fertilizer Subsidy 2025: केंद्र सरकार ने खरीफ सीजन 2025 के लिए उर्वरक सब्सिडी की नई दरें जारी की हैं। जानिए DAP, NPK, MOP और SSP पर कितनी मिलेगी सब्सिडी और क्या हैं नए नियम। #FertilizerSubsidy

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Fertilizer Subsidy 2025: केंद्र सरकार ने खरीफ सीजन 2025 के लिए किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में फॉस्फेटिक और पोटैशिक (P&K) उर्वरकों पर न्यूट्रिएंट बेस्ड सब्सिडी (NBS) की नई दरों को मंजूरी मिल गई है। इस सीजन के लिए सरकार ने 37,216.15 करोड़ रुपये का बजट रखा है, जो पिछले रबी सीजन से करीब 13,000 करोड़ रुपये ज्यादा है। यानी किसानों को इस बार सस्ते दामों पर बेहतर क्वालिटी के उर्वरक मिलेंगे।

क्या हैं नई सब्सिडी दरें?

सरकार ने अलग-अलग पोषक तत्वों के लिए प्रति किलोग्राम सब्सिडी की दरें तय की हैं। नाइट्रोजन (N) पर 43.02 रुपये, फॉस्फेट (P) पर 43.60 रुपये, पोटाश (K) पर 2.38 रुपये और सल्फर (S) पर 2.61 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा, अलग-अलग उर्वरकों पर भी सब्सिडी तय की गई है। जैसे DAP (18-46-0-0) पर 27,799 रुपये प्रति टन, MOP (0-0-60-0) पर 1,428 रुपये प्रति टन, NPK (15-15-15) पर 13,350 रुपये प्रति टन और SSP (0-16-0-11) पर 7,263 रुपये प्रति टन की सब्सिडी मिलेगी।

बोरोन और जिंक वाले उर्वरकों पर अतिरिक्त सब्सिडी

सरकार ने बोरोन और जिंक से फोर्टिफाइड उर्वरकों को भी प्रोत्साहित किया है। बोरोन युक्त उर्वरकों पर 300 रुपये प्रति टन और जिंक युक्त उर्वरकों पर 500 रुपये प्रति टन की अतिरिक्त सब्सिडी दी जाएगी। इसके साथ ही, सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP) पर फ्रेट सब्सिडी को भी खरीफ सीजन 2025 तक बढ़ा दिया गया है।

उर्वरक कंपनियों के लिए सख्त नियम

सरकार ने उर्वरक कंपनियों को साफ निर्देश दिए हैं कि वे हर बैग पर MRP, सब्सिडी प्रति बैग और प्रति किलोग्राम की जानकारी प्रिंट करें। अगर कोई कंपनी MRP से ज्यादा कीमत वसूलती है, तो उसके खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत कार्रवाई होगी। साथ ही, कंपनियों को अपनी कीमतों का ऑडिट कराना होगा ताकि यह पता चल सके कि वे जरूरत से ज्यादा मुनाफा तो नहीं कमा रही हैं। अगर ऐसा पाया जाता है, तो अतिरिक्त मुनाफा वापस लिया जाएगा।

कैसे ट्रैक होगी उर्वरकों की आवाजाही?

सरकार ने उर्वरकों के वितरण को पारदर्शी बनाने के लिए “इंटीग्रेटेड फर्टिलाइजर मॉनिटरिंग सिस्टम (iFMS)” लागू किया है। इसके जरिए उर्वरकों की आवाजाही को ऑनलाइन ट्रैक किया जाएगा। कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उर्वरक रिटेल पॉइंट तक मुफ्त डिलीवरी (F.O.R.) के आधार पर पहुंचें।

क्या कस्टमाइज्ड उर्वरकों पर भी मिलेगी सब्सिडी?

सरकार ने स्पष्ट किया है कि कस्टमाइज्ड और मिक्सचर उर्वरकों पर कोई अलग सब्सिडी नहीं दी जाएगी। सब्सिडी का भुगतान निर्माताओं और आयातकों को पहले से तय प्रक्रिया के अनुसार ही किया जाएगा।

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