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किसानों के लिए बड़ी खबर: RBI ने कोलैटरल-फ्री लोन की सीमा बढ़ाई, अब 2 लाख रुपये तक का कर्ज संभव

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किसानों को आरबीआई ने दी बड़ी सौगात, बिना कुछ गिरवी रखे मिलेगा 2 लाख तक ऋण

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने किसानों के लिए एक राहतभरी घोषणा की है। अब किसान बिना किसी संपत्ति को गिरवी रखे 2 लाख रुपये तक का लोन ले सकेंगे। इससे पहले यह सीमा 1.6 लाख रुपये थी। RBI का यह फैसला किसानों को बढ़ती महंगाई और कृषि लागत से निपटने में मदद करेगा।

क्यों बढ़ाई गई सीमा?

RBI के अनुसार, यह कदम किसानों की बढ़ती जरूरतों और खेती में बढ़ते निवेश को ध्यान में रखकर उठाया गया है। खेती की लागत में तेजी से हो रही वृद्धि और समग्र महंगाई को देखते हुए बिना कोलैटरल वाले लोन की सीमा बढ़ाने का फैसला किया गया है। यह छोटे और सीमांत किसानों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगा, जो अधिकतर कम संसाधनों में खेती करते हैं।

कब से लागू होगा यह नियम?

भारतीय रिजर्व बैंक ने देश के सभी बैंकों को यह निर्देश दिया है कि वे इस संशोधित सीमा को 1 जनवरी, 2025 तक लागू करें। साथ ही, बैंकों को इस बदलाव के बारे में जागरूकता बढ़ाने के निर्देश भी दिए गए हैं ताकि अधिक से अधिक किसान इसका लाभ उठा सकें।

पहले कब बढ़ाई गई थी सीमा?

इससे पहले, साल 2019 में RBI ने कोलैटरल-फ्री लोन की सीमा को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.6 लाख रुपये किया था। उस समय भी कृषि लागत और महंगाई को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया था। अब इसे बढ़ाकर 2 लाख रुपये किया गया है, जो किसानों के लिए एक और बड़ी राहत है।

कृषि क्षेत्र में सकारात्मक प्रदर्शन

देश के कृषि क्षेत्र ने इस वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। खरीफ फसलों के बेहतर उत्पादन और रबी फसलों की अच्छी बुवाई ने इस क्षेत्र को मजबूती दी है। वहीं, निर्माण, निर्यात और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में थोड़ी मंदी देखी गई है।

फायदे किसानों के लिए

  1. बढ़ा हुआ लोन: किसानों के पास अब बिना किसी गारंटी के 2 लाख रुपये तक का लोन लेने का विकल्प होगा।
  2. कृषि लागत में राहत: इस अतिरिक्त लोन से किसान महंगे कृषि उपकरण और उन्नत तकनीक का इस्तेमाल कर सकेंगे।
  3. छोटे और सीमांत किसानों को लाभ: जो किसान पहले सीमित संसाधनों की वजह से बेहतर उत्पादन नहीं कर पाते थे, उन्हें अब मदद मिलेगी।

सरकारी नीतियों का सकारात्मक असर

RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि खरीफ फसल उत्पादन, जलाशयों का उच्च स्तर और रबी फसलों की अच्छी बुवाई से देश की कृषि को समर्थन मिला है। सरकार और केंद्रीय बैंक की यह संयुक्त पहल किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

कृषि लोन की नई सीमा और आवक रिपोर्ट

वर्ष लोन सीमा प्रमुख कारण
2019 ₹1.6 लाख महंगाई और खेती की लागत में बढ़ोतरी
2024 ₹2 लाख महंगाई, लागत और किसानों की जरूरतों में वृद्धि

मंडी आवक रिपोर्ट

श्रीमाधोपुर मंडी में बाजरा की आवक 600 क्विंटल रही, जिसमें भाव 2450-2670 रुपये प्रति क्विंटल तक दर्ज किया गया। ग्वार की आवक 400 क्विंटल रही, और भाव 4725-4790 रुपये प्रति क्विंटल तक रहा। मूंगफली की आवक 5000 बोरी रही, और इसका भाव 4200-9300 रुपये प्रति क्विंटल तक दर्ज किया गया।

RBI का यह निर्णय भारतीय कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने और किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। बढ़ी हुई लोन सीमा न केवल किसानों के लिए राहत लेकर आएगी, बल्कि यह खेती के नए और आधुनिक तरीकों को अपनाने में भी मददगार साबित होगी।

किसानों के लिए बड़ी खबर: RBI ने कोलैटरल-फ्री लोन की सीमा बढ़ाई, अब 2 लाख रुपये तक का कर्ज संभव

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