Haryana Electricity Expensive: हरियाणा के लाखों बिजली उपभोक्ताओं के लिए बुरी खबर है। राज्य में 1 अप्रैल 2025 से बिजली की दरों में बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे आम लोगों के बिजली बिलों में एक बड़ा इजाफा होगा। इसकी मुख्य वजह उत्तर और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगमों को हुए 4,520 करोड़ रुपए के भारी घाटे को बताया जा रहा है। हरियाणा बिजली विनियामक आयोग (HERC) ने इस घाटे की भरपाई के लिए नए वित्तीय वर्ष में बिजली दरें बढ़ाने की अनुमति मांगी है, और सरकारी सूत्रों के मुताबिक इस पर मंजूरी मिलने की संभावना है। अगर ऐसा होता है तो यह तीन साल बाद बिजली दरों में पहली बड़ी बढ़ोतरी होगी।
बिजली विभाग के आंकड़े चौंकाने वाले हैं – दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN) को 12.37% लाइन लॉस का सामना करना पड़ रहा है, जबकि उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (UHBVN) का लाइन लॉस 9.15% है। HERC के चेयरमैन नंद लाल शर्मा ने पहले ही परिचालन दक्षता बढ़ाने और औसत आपूर्ति लागत (ACC) व औसत राजस्व वसूली (ARR) के बीच के अंतर को कम करने के निर्देश दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि बिजली निगमों की कार्यकुशलता में सुधार के बावजूद आंशिक टैरिफ बढ़ोतरी को मंजूरी मिल सकती है।
इससे पहले हरियाणा सरकार ने फ्यूल सर्चार्ज एडजस्टमेंट (FSA) को 2026 तक बढ़ा दिया था, जिसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ने वाला है। अब हर बिजली उपभोक्ता को प्रति यूनिट 47 पैसे अतिरिक्त FSA देना होगा। वहीं, 200 यूनिट से अधिक बिजली खपत वाले घरों को 94.47 रुपए प्रति माह अतिरिक्त भुगतान करना होगा। हालांकि, 200 यूनिट से कम बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को FSA का भुगतान नहीं करना पड़ेगा, जो निम्न आय वर्ग के लिए एक राहत की बात है।
पिछले साल जून 2024 में हरियाणा सरकार ने एक बड़ी राहत देते हुए 2 किलोवाट तक के मीटर वाले घरों से मासिक शुल्क वसूलना बंद कर दिया था। इस फैसले से प्रदेश के करीब साढ़े 9 लाख बिजली उपभोक्ताओं को फायदा हुआ था, जिन्हें पहले प्रति किलोवाट 115 रुपए मासिक शुल्क देना पड़ता था। लेकिन अब बिजली दरों में संभावित बढ़ोतरी से यह राहत कम हो सकती है।
क्या होगा नया टैरिफ स्ट्रक्चर?
हालांकि अभी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन बिजली विभाग के सूत्रों के मुताबिक डोमेस्टिक कैटेगरी के उपभोक्ताओं को सबसे ज्यादा प्रभावित होना पड़ सकता है। मौजूदा दरों के मुताबिक 0-50 यूनिट तक की खपत वाले उपभोक्ताओं को 2.50 रुपए प्रति यूनिट, 51-150 यूनिट वालों को 4.50 रुपए प्रति यूनिट और 151-300 यूनिट वालों को 6.50 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिल आता है। इन सभी स्लैब्स में 10-15% तक की बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे एक औसत परिवार का मासिक बिजली बिल 100-200 रुपए तक बढ़ सकता है।