Haryana Saheli Scheme: हरियाणा सरकार ने Haryana News में एक ऐतिहासिक और संवेदनशील पहल की शुरुआत करते हुए घोषणा की है कि अब राज्य की हर वह गर्भवती महिला, जिसके पहले से बेटी है, उसे एक समर्पित देखभालकर्ता ‘सहेली’ प्रदान की जाएगी।
यह सहेली या तो महिला एवं बाल विकास विभाग (WCD) की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता (AWW) होगी या फिर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) की आशा कार्यकर्ता (ASHA)। यह व्यवस्था गर्भावस्था की पहली या दूसरी तिमाही से लेकर प्रसव और शिशु की देखभाल तक लगातार सक्रिय रहेगी। प्रदेश में कन्या भ्रूण हत्या पर अंकुश लगाने और बेटियों को समान अधिकार दिलाने की दिशा में यह बेहद मजबूत और मानवीय कदम है।
स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के अनुसार, इस योजना को PC&PNDT Act के सख्त क्रियान्वयन के साथ जोड़ा गया है, जिसकी निगरानी के लिए राज्य स्तरीय टास्क फोर्स गठित की गई है। यह टास्क फोर्स लगातार फील्ड विजिट कर रही है, समीक्षा बैठकें आयोजित कर रही है और कानून तोड़ने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई सुनिश्चित कर रही है।
स्वास्थ्य सचिव ने संबंधित विभागों को निर्देशित किया है कि NHM गर्भवती महिलाओं से जुड़ा पूरा डेटा महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ साझा करे, ताकि समय रहते हर पात्र महिला को उसकी “सहेली” मिल सके। यह सहेली न केवल उसकी मातृत्व देखभाल में मददगार होगी बल्कि भावनात्मक स्तर पर भी सहयोगी की भूमिका निभाएगी।
Haryana News के अनुसार, यह निर्णय नारी गरिमा, लिंग समानता और सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ी पहल माना जा रहा है। इससे समाज में बेटियों को लेकर फैली मानसिकता में भी बदलाव आने की उम्मीद है।
हरियाणा सरकार की यह योजना न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाएगी बल्कि “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” जैसे अभियानों को भी नया बल देगी। इस नीति के प्रभावी क्रियान्वयन से महिला स्वास्थ्य और बाल संरक्षण जैसे संवेदनशील विषयों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यह खबर न केवल प्रशासनिक संवेदनशीलता का प्रमाण है, बल्कि समाज को बेटियों के प्रति एक नई सोच की ओर भी ले जाती है।
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