मेघदूत एग्रो, हरियाणा डेस्क: हरियाणा में हरियाणा रोडवेज कर्मचारी संगठनों और सरकार के बीच जारी तनातनी अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। समझौते के बावजूद मांगों को लागू न करने से नाराज कर्मचारियों ने अब आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है।
हरियाणा रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चा के आह्वान पर दादरी बस स्टैंड परिसर में आयोजित रोष सभा में कर्मचारियों ने सरकार पर विश्वासघात का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि जल्द समाधान नहीं निकला तो इस बार सिर्फ हड़ताल नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में चक्का जाम भी होगा।
सांकेतिक भूख हड़ताल के तहत 13 कर्मचारी बस स्टैंड परिसर में धरने पर बैठे और सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। कर्मचारी नेता कृष्ण ऊण के नेतृत्व में हुई इस सभा में कहा गया कि सरकार और अधिकारियों से पूर्व की बातचीत में 32 सूत्रीय मांगों को स्वीकार किया गया था, लेकिन अब तक किसी भी मांग को लागू नहीं किया गया, जिससे कर्मचारियों में भारी असंतोष है।
प्रदर्शन में शामिल आशा वर्कर्स यूनियन ने भी हड़ताल का समर्थन देते हुए स्पष्ट कर दिया है कि वे अब पीछे नहीं हटेंगे। प्रमुख मांगों में पुरानी पेंशन योजना की बहाली, कच्चे कर्मचारियों को स्थायी करना, चालक-परिचालक व लिपिक वर्ग का वेतनमान बढ़ाना, अर्जित अवकाश व्यवस्था की पूर्व बहाली, कौशल रोजगार निगम को भंग कर सीधी भर्ती करना, जोखिम भत्ता देना, तकनीकी कर्मचारियों को विशेष वेतनमान और डी ग्रुप को कॉमन कैडर से हटाकर प्रमोशन की सुविधा देना शामिल है।
इसके अलावा सभी रिक्त पदों पर पदोन्नति और स्टेंड इंचार्ज का पद सृजित करने की मांग भी जोड़ी गई है। कर्मचारियों का कहना है कि यदि सरकार ने समय रहते उचित कदम नहीं उठाए, तो इस बार आंदोलन सिर्फ सांकेतिक नहीं रहेगा।
हरियाणा रोडवेज की कार्यप्रणाली पहले ही चुनौतियों से घिरी हुई है और अब यह संघर्ष राज्य के परिवहन तंत्र को पूरी तरह से ठप कर सकता है। ऐसे में सरकार की अगली चाल पर सभी की निगाहें टिकी हैं, क्योंकि हरियाणा रोडवेज कर्मचारी इस बार किसी समझौते से पीछे हटने को तैयार नहीं।