चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने राज्य के शहरी विकास को नई दिशा देने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है। इस “Haryana Smart Cities” प्रोजेक्ट के तहत, अब प्रदेश के शहरों का विस्तार और बुनियादी ढांचे का विकास शोध (Research) और डेटा एनालिसिस (Data Analysis) के आधार पर किया जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश की तेजी से बढ़ती शहरी आबादी को स्मार्ट तरीके से बसाया जाए और अव्यवस्थित कॉलोनियों को नियंत्रित कर एक आधुनिक एवं सुव्यवस्थित ढांचा तैयार किया जाए। इस योजना को टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग (Town and Country Planning Department) द्वारा लागू किया जाएगा और इसके लिए 525 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।
हरियाणा में पिछले एक दशक में शहरीकरण की गति तेज हुई है, जिससे अवैध कॉलोनियों की संख्या भी बढ़ी है। सरकार के आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में प्रदेश के शहरी इलाकों में 89% आबादी निवास कर रही है और यह संख्या तेजी से बढ़ रही है। पहले सरकारी एजेंसियों द्वारा नियोजित विकास न होने के कारण कई शहरों में अनियमित और अव्यवस्थित बस्तियां विकसित हो गई थीं, जिससे बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी देखने को मिली। अब इस नई पहल के तहत “Geographic Information System” (GIS) मैपिंग का उपयोग किया जाएगा, ताकि प्रत्येक क्षेत्र की आवश्यकताओं के अनुसार विकास किया जा सके।
कैसे होगा हरियाणा के शहरों का स्मार्ट विकास?
सरकार की इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के शहरों को तकनीकी और डेटा-आधारित प्लानिंग के जरिए आधुनिक बनाना है। इसके लिए “Centre for Excellence” की मदद से शहरी विकास पर विस्तृत रिसर्च की जाएगी। इस अध्ययन में यह देखा जाएगा कि किन इलाकों में अधिक जनसंख्या को बसाया जा सकता है और किन स्थानों पर नई कॉलोनियों का निर्माण जरूरी है। इसके अलावा, बिजली, पानी, सड़क, सीवरेज, प्रदूषण नियंत्रण जैसी बुनियादी जरूरतों को भी ध्यान में रखा जाएगा, ताकि नए और पुराने शहरी क्षेत्रों को संतुलित रूप से विकसित किया जा सके।
छोटे और मध्यम शहरों में होगा तेजी से विकास
हरियाणा सरकार का मानना है कि 2041 तक गुरुग्राम (Gurugram) की आबादी 40 लाख और फरीदाबाद (Faridabad) की आबादी 30 लाख तक पहुंच जाएगी। ऐसे में केवल बड़े शहरों पर निर्भर रहने की बजाय छोटे और मध्यम शहरों को भी समान रूप से विकसित करना आवश्यक हो गया है। अब इस योजना के तहत प्राइवेट कॉलोनाइजरों द्वारा बसाई जा रही अनियमित कॉलोनियों की बजाय सरकारी स्तर पर योजनाबद्ध ढंग से नए रिहायशी क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। इससे लोगों को बेहतर आधारभूत सुविधाएं मिलेंगी और अवैध निर्माण पर भी रोक लगेगी।
हरियाणा सरकार की नई नीति से बदलेंगे शहर
इस नई योजना के तहत सरकार खासतौर पर उन शहरों पर ध्यान केंद्रित करेगी, जहां जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है और बुनियादी ढांचे की कमी महसूस की जा रही है। GIS मैपिंग और अन्य डिजिटल टूल्स की सहायता से इन क्षेत्रों की पहचान की जाएगी और वहां व्यवस्थित तरीके से सड़कों, ड्रेनेज सिस्टम, पानी की आपूर्ति, ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क और अन्य सुविधाओं को विकसित किया जाएगा।
सरकार का यह कदम केवल बुनियादी ढांचे के विकास तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पर्यावरण संतुलन और सतत विकास (Sustainable Development) को भी प्राथमिकता दी जाएगी। इससे प्रदूषण स्तर को कम करने, हरे-भरे क्षेत्र बढ़ाने और जल प्रबंधन को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
हरियाणा के शहरों के लिए कितना फायदेमंद होगा यह प्रोजेक्ट?
यह “Haryana Smart Cities” प्रोजेक्ट हरियाणा को नई दिशा में ले जाने वाला साबित हो सकता है। इससे जहां राज्य में शहरीकरण को व्यवस्थित करने में मदद मिलेगी, वहीं इससे अवैध कॉलोनियों पर भी लगाम लगेगी। स्मार्ट शहरों का निर्माण होने से न केवल बुनियादी सुविधाओं में सुधार होगा, बल्कि इससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
हरियाणा सरकार के इस प्रयास से प्रदेश का शहरी विकास नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा और “Haryana Smart Cities” योजना के तहत विकसित होने वाले शहर न केवल आधुनिक होंगे, बल्कि रहने योग्य और सुविधाजनक भी बनेंगे। यह योजना हरियाणा को शहरीकरण के एक नए मॉडल की ओर ले जाएगी, जिससे प्रदेश का हर नागरिक लाभान्वित होगा।