मेघदूत एग्रो, हरियाणा: पिछले 24 घंटों में हरियाणा में बदला मौसम एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है, जहां सोनीपत, करनाल, जींद, महेंद्रगढ़, नारनौल, हिसार के बरवाला, भिवानी, रतिया और डबवाली जैसे ज़िलों में हल्की से तेज बारिश और कुछ जगहों पर ओलावृष्टि भी दर्ज की गई।
इस असमय बारिश से जहां आम जनजीवन प्रभावित हुआ, वहीं किसानों को भारी नुकसान का खतरा भी मंडराने लगा है। वीरवार को सोनीपत और बरवाला की अनाज मंडियों में बारिश के चलते गेहूं की बोरियां भीग गईं, जिससे मंडी प्रशासन की लापरवाही उजागर हुई क्योंकि बारिश से बचाव के कोई पर्याप्त प्रबंध नहीं किए गए थे।
मौसम विभाग के अनुसार, जींद में 3 मिमी, नारनौल व अटेली में 14.5 मिमी, महेंद्रगढ़ में 1.5 मिमी, नांगल चौधरी में 2.5 मिमी और सतनाली में 5 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई। हिसार में बुधवार रात मामूली बारिश के बाद वीरवार दोपहर से मौसम का मिज़ाज लगातार बदलता रहा। आसमान में बादलों का डेरा रहा और तेज हवाएं चलती रहीं।
मौसम विज्ञान केंद्र ने 11 और 12 अप्रैल के लिए अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि इन दो दिनों में हरियाणा के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश और तेज़ हवाओं का असर बना रहेगा। वहीं कई जिलों में दिन के समय तेज धूप ने लोगों को झुलसा दिया और दोपहर तक गर्मी की तीव्रता बनी रही।
विशेषज्ञों का कहना है कि हरियाणा में बदला मौसम रबी फसलों के लिए चिंता का विषय है, विशेषकर गेहूं की फसल जिनकी कटाई का समय चल रहा है। कृषि विभाग और मौसम वैज्ञानिकों ने किसानों को सुझाव दिया है कि जितनी फसल की कटाई करें, उसे तुरंत बंधाई कर सुरक्षित बंडल में बदल दें और खुले में रखी फसल को तिरपाल या प्लास्टिक से ढक कर सुरक्षित करें।
मशीन कटाई की स्थिति में भी यह सुनिश्चित किया जाए कि फसल बिखरे नहीं। मौसम के इस अचानक बदलाव के चलते फसल नुकसान का खतरा बढ़ गया है, ऐसे में किसानों को सतर्कता से कदम उठाने की ज़रूरत है ताकि प्राकृतिक आपदा से फसल को बचाया जा सके और आर्थिक क्षति को रोका जा सके।
Comments are closed