मेघदूत एग्रो, हरियाणा: प्रदेश में मौसम का मिज़ाज एक बार फिर करवट लेता नजर आ रहा है, जिससे खासतौर पर किसानों की चिंता बढ़ गई है। Haryana Weather से जुड़ी ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, बीते बुधवार को नारनोल में आई भयंकर आंधी-तूफान ने महेंद्रगढ़, झज्जर और आसपास के इलाकों को भी प्रभावित किया, और अब एक बार फिर कई जिलों में बादलों का डेरा और रुक-रुक कर बारिश की संभावना जताई जा रही है। ऐसे समय में जब खेतों में गेहूं और सरसों की फसल कटाई के लिए तैयार खड़ी है, तेज़ हवाएं और अनियमित बारिश किसानों के लिए मुसीबत बन सकती है।
मौसम विज्ञान केंद्र चंडीगढ़ के मुताबिक, बुधवार को हिसार का तापमान 42.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो इस सीजन का अब तक का उच्चतम तापमान है और पूरे राज्य में औसतन तापमान 0.5 डिग्री की बढ़त के साथ दर्ज हुआ। पूर्वी हवाओं के बावजूद गर्मी में लगातार इज़ाफा हो रहा है।
हालांकि, थोड़ी राहत की उम्मीद जताई जा रही है क्योंकि एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है, जिससे हवा की दिशा में बदलाव होगा और तापमान में अगले 72 घंटे में 3 से 4 डिग्री की गिरावट देखने को मिल सकती है। हालांकि, मौसम विभाग ने यह भी साफ कर दिया है कि यह राहत अस्थायी होगी और ठंडक लंबे समय तक नहीं टिकेगी।
कृषि विभाग ने किसानों को सतर्क रहने की सलाह दी है, खासकर उन इलाकों में जहां कटाई का कार्य शुरू हो चुका है। विभाग का कहना है कि खेतों से फसल को जल्द से जल्द सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाए ताकि बारिश या तेज हवाओं से नुकसान न हो।
यह बदलाव हरियाणा के किसानों के लिए एक नई चुनौती बनकर आया है, खासतौर पर उन जिलों में जो पहले ही जलवायु असंतुलन से प्रभावित हैं। Haryana Weather के जानकारों का मानना है कि अप्रैल के अंत तक इस तरह की मौसमी उथल-पुथल जारी रह सकती है, ऐसे में खेती-किसानी से जुड़े सभी लोगों को लगातार अपडेट पर ध्यान देना होगा।
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