मेघदूत एग्रो, हरियाणा: आगामी Monsoon 2025 Weather Update को लेकर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की पहली बड़ी और राहतभरी घोषणा सामने आई है, जिसमें अल नीनो की आशंका को पूरी तरह से नकार दिया गया है। IMD के महानिदेशक एम. महापात्रा ने स्पष्ट कहा है कि जलवायु पूर्वानुमान और अंतरराष्ट्रीय मौसम एजेंसियों की रिपोर्टों के आधार पर दक्षिण-पश्चिम मानसून 2025 में अल नीनो का असर नहीं दिखेगा।
यह खबर खासकर किसानों, कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था और मानसून पर निर्भर लाखों लोगों के लिए बड़ी उम्मीद लेकर आई है। अमेरिका की NOAA (National Oceanic and Atmospheric Administration) ने भी अपने अप्रैल अपडेट में पुष्टि की है कि इस साल ENSO (El Niño Southern Oscillation) का न्यूट्रल फेज पूरी गर्मियों के दौरान उत्तरी गोलार्द्ध में सक्रिय रहेगा, जिससे भारत में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश की संभावना मजबूत हुई है।
ENSO के तीन चरण—अल नीनो (गर्म), न्यूट्रल (संतुलित) और ला नीना (ठंडा)—में से इस बार न्यूट्रल की स्थिति बनी रहेगी, जबकि अगस्त से अक्टूबर के बीच भी इसके स्थिर बने रहने की 50% से ज्यादा संभावना जताई गई है। उल्लेखनीय है कि ENSO भारत में जून से सितंबर तक के मानसून पर गहरा प्रभाव डालता है, और देश की लगभग 70% वर्षा इन्हीं चार महीनों में होती है।
पिछले साल मानसून के दौरान 6% कम वर्षा हुई थी, लेकिन फिर अक्टूबर में बारिश सामान्य से 8% अधिक दर्ज की गई। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ENSO न्यूट्रल बना रहता है, तो 2025 का मॉनसून किसानों के लिए वरदान साबित हो सकता है।
IMD का आधिकारिक अप्रैल पूर्वानुमान अभी जारी नहीं हुआ है, लेकिन विभाग ने संकेत दिए हैं कि हालात सकारात्मक हैं और आगामी दिनों में समय-समय पर विस्तृत अपडेट जारी किए जाएंगे। ऐसे में Monsoon 2025 Weather Update पर हर कृषि-आश्रित परिवार को नजर बनाए रखने की जरूरत है। यह अपडेट खरीफ फसलों की बुवाई, जल प्रबंधन और सरकार की नीतियों के लिए भी निर्णायक साबित हो सकता है।
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