मेघदूत एग्रो, मुंबई: नुसरत भरूचा एक बार फिर हॉरर की दुनिया में लौट आई हैं अपनी चर्चित फिल्म Chhorri के सीक्वल Chhorri 2 के साथ, जो अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज़ हो चुकी है।
चार साल पहले आई पहली फिल्म ने ग्रामीण भारत की अंधविश्वासी परंपराओं के बीच मां-बेटे के रिश्ते को दिल दहला देने वाले रूप में दिखाया था, और अब Chhorri 2 उस कहानी को वहीं से आगे बढ़ाती है।
निर्देशक विशाल फुरिया इस बार भी एक सामाजिक संदेश को हॉरर के सस्पेंस में लपेटकर दर्शकों तक लाते हैं। कहानी वहीं से शुरू होती है जहां साक्षी (नुसरत) अपने पति से बचकर एक बेटी को जन्म देती है, जिसे दुर्भाग्यवश एक गंभीर बीमारी है—वह सूर्य की रोशनी नहीं सह सकती।
बेटी की सुरक्षा के लिए साक्षी एक केयरटेकर नियुक्त करती है, लेकिन जल्द ही पता चलता है कि मासूम बच्ची पर शैतानी शक्तियों की नज़र है—और चौंकाने वाली बात ये है कि इसके पीछे खुद उसके पिता का हाथ है। जैसे-जैसे बेटी इस अंधेरी दुनिया के संपर्क में आती है, कहानी में नया मोड़ आता है जो दर्शकों को बांधे रखता है।
नुसरत भरूचा का अभिनय फिल्म की आत्मा है—उनकी भावनात्मक और मानसिक जद्दोजहद को उन्होंने परिपक्वता से जिया है। हार्दिका शर्मा (ईशानी) और गश्मीर महाजनी (इंस्पेक्टर समर) ने अपने-अपने किरदारों में जान डाल दी है, वहीं नेगेटिव रोल में सोहा अली ख़ान एक सरप्राइज पैकेज बनकर सामने आती हैं।
Chhorri 2 Movie Review के अनुसार, फिल्म न सिर्फ डराती है बल्कि सोचने पर मजबूर भी करती है कि सामाजिक रुढ़ियों और कुरीतियों के खिलाफ जंग कितनी जरूरी है।
शानदार VFX, कसी हुई एडिटिंग और बैकग्राउंड स्कोर फिल्म को दमदार बनाते हैं। यदि आपने पहला भाग देखा है, तो दूसरा पार्ट देखना आपकी लिस्ट में जरूर होना चाहिए, और अगर नहीं देखा है, तो दोनों देखकर भारतीय हॉरर को एक नया नज़रिया मिलेगा। यह फिल्म एक बार फिर साबित करती है कि महिला-केंद्रित कथानक भी दर्शकों को बांध सकता है, डराने के साथ-साथ सोच भी सकता है।
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