सीहोर में रबी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए किसान पंजीयन प्रक्रिया 20 जनवरी से शुरू हो गई है और यह 31 मार्च तक चलेगी। कलेक्टर प्रवीण सिंह ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस प्रक्रिया के तहत किसानों को अपनी फसल के उपार्जन के लिए आधिकारिक पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। किसानों को इस बार कई नए विकल्प और सुविधाएं दी गई हैं, ताकि वे आसानी से इस प्रक्रिया को पूरा कर सकें।
किसानों के लिए पंजीयन की सुविधा तहसील कार्यालय, ग्राम पंचायत कार्यालय, जनपद पंचायत के सुविधा केंद्र, सहकारी समितियों और एमपी किसान एप पर निशुल्क उपलब्ध होगी। इसके अलावा, लोक सेवा केंद्र, एमपी ऑनलाइन कियोस्क और साइबर कैफे पर पंजीयन के लिए 50 रुपये शुल्क लिया जाएगा।
पंजीयन की प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेज
पंजीयन कराने के लिए किसानों को निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
- आधार कार्ड
- बैंक खाता जो आधार से लिंक हो
- भूमि का खसरा और बी-1 दस्तावेज
- मोबाइल नंबर
किसान एमपी किसान एप के माध्यम से घर बैठे भी पंजीयन कर सकते हैं। इस एप पर पंजीयन बिल्कुल निशुल्क है और इसके लिए किसानों को कहीं जाने की जरूरत नहीं है।
सिकमी बटाईदार और वन पट्टाधारी किसानों के लिए विशेष प्रावधान
सिकमी बटाईदार, कोटवार और वन पट्टाधारी किसानों को केवल सहकारी समिति और सहकारी विपणन संस्था के पंजीयन केंद्रों पर पंजीयन की सुविधा दी गई है। राजस्व विभाग इन किसानों का शत-प्रतिशत सत्यापन करेगा।
भुगतान प्रक्रिया
उपार्जन प्रक्रिया में समर्थन मूल्य का भुगतान सीधे किसानों के आधार लिंक बैंक खाते में किया जाएगा। जनधन खाते, अक्रियाशील खाते, संयुक्त खाते, फिनो, एयरटेल, पेटीएम जैसे वॉलेट और नाबालिग बैंक खाते अमान्य माने जाएंगे। किसानों को अपना आईएफएससी कोड और सही बैंक खाता विवरण देना होगा।
उपार्जन केंद्रों का चयन और निगरानी
किसान उपार्जन शुरू होने की तिथि से एक सप्ताह पहले तक अपने नजदीकी उपार्जन केंद्र, तिथि और समय का चयन कर सकते हैं। इसके लिए जिला उपार्जन समिति का गठन किया गया है, जो पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेगी।
पंजीयन की तिथि क्यों महत्वपूर्ण है?
किसान अगर 31 मार्च तक पंजीयन नहीं कराते हैं, तो वे अपनी फसल को उपार्जन प्रक्रिया में शामिल नहीं करा पाएंगे। इसीलिए यह आवश्यक है कि सभी किसान समय पर पंजीयन कराएं।
किसानों के लिए यह प्रक्रिया क्यों जरूरी है?
रबी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए यह प्रक्रिया किसानों को उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाने के लिए है। इसके जरिए सरकार किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य देने की कोशिश कर रही है।
किसानों के सवालों का समाधान कैसे होगा?
किसान किसी भी समस्या के समाधान के लिए कलेक्टर कार्यालय, जिला उपार्जन समिति या सहकारी समितियों से संपर्क कर सकते हैं।
सहकारी समितियों की भूमिका
सहकारी समितियां किसानों की मदद के लिए पंजीयन से लेकर भुगतान प्रक्रिया तक में अहम भूमिका निभा रही हैं।
किसानों के लिए यह पंजीयन प्रक्रिया न केवल उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने में मददगार होगी, बल्कि उन्हें सरकारी योजनाओं का भी लाभ दिलाएगी। सभी किसानों को समय पर पंजीयन कराना चाहिए ताकि वे इस योजना का पूरा लाभ उठा सकें।
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