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Mustard Price: सरसों के भाव में भयंकर उछाल, भाव पहुंचे रिकॉर्ड पार

अनाज मंडी में सरसों की आवक में कमी और दाम में इजाफा देखा जा रहा है। इस बढ़ोतरी का सीधा असर आम आदमी की रसोई पर पड़ा है। बीते 15 दिनों में सरसों तेल के दाम 7 रुपए प्रति किलो बढ़ गए हैं, जिससे घर का बजट गड़बड़ाने लगा है। पहले जहां सरसों तेल का थोक भाव 122 रुपए प्रति किलो था, वहीं अब यह 133 रुपए किलो से ऊपर पहुंच चुका है। खुदरा बाजार में यह तेल 150 रुपए प्रति किलो तक बिक रहा है।

बाजार जानकारों का कहना है कि सरसों की आवक में कमी और मांग में वृद्धि के चलते यह उछाल देखने को मिल रहा है। इसी के साथ सरसों से बनने वाले पशु आहार (खल) की कीमतों में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पिछले कुछ दिनों में पशु आहार के दाम में 100-150 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा हुआ है, जिससे अब इसका मूल्य 2230 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है।

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अरहर की आवक में भारी गिरावट

मंडी में अरहर की आवक भी तेजी से घट रही है। अब पूरे सालभर में महज 1000 कट्टे ही पहुंच रहे हैं, जबकि 2012 से पहले सीजन में रोजाना 4-5 हजार कट्टे मंडी में आते थे। मंडी अध्यक्ष सत्य विजय गुप्ता ने बताया कि किसानों ने अरहर की खेती में रुचि लेना कम कर दिया है। बदलते मौसम और कीटों के बढ़ते प्रभाव के कारण इसकी पैदावार लगातार प्रभावित हो रही है, जिसके चलते किसान दूसरी फसलों की ओर रुख कर रहे हैं।

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अब तक मंडी में पहुंचे 5 लाख सरसों के कट्टे

इस बार अनाज मंडी में अलवर और आसपास के जिलों से सरसों की आवक हो रही है। अब तक मंडी में 5 लाख से अधिक सरसों के कट्टे पहुंच चुके हैं, जिसमें नई और पुरानी दोनों फसलें शामिल हैं। व्यापारियों के अनुसार, इस वक्त बहरोड़, मुंडावर और बानूसर जैसे राठ इलाकों से सरसों की आवक शुरू हुई है, लेकिन कई किसान अभी गेहूं की कटाई में व्यस्त हैं, जिससे सरसों की आपूर्ति प्रभावित हुई है।

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मंडी विशेषज्ञों का मानना है कि गेहूं की कटाई खत्म होते ही सरसों की आवक में बढ़ोतरी होगी। अलवर और भरतपुर जिले में सबसे अधिक सरसों की पैदावार होती है, जिससे राजस्थान की आवश्यकताओं की पूर्ति हो सकती है, लेकिन यहां का तेल कई अन्य राज्यों में भी सप्लाई किया जा रहा है।

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