देश की तस्वीर अब सिर्फ गांवों और खेतों से नहीं बनती, बल्कि हाईवे और एक्सप्रेसवे भी इसमें अहम किरदार निभा रहे हैं। केंद्र सरकार अब “New Expressway” परियोजनाओं पर चौकस नजर रखे हुए है, ताकि भारत की सड़क कनेक्टिविटी को अगले स्तर तक पहुंचाया जा सके। भारतमाला योजना के तहत देश में 10 नए एक्सप्रेसवे का निर्माण हो रहा है, जो न सिर्फ यात्रा को आसान बनाएंगे बल्कि राज्यों को आपस में जोड़ने में भी मील का पत्थर साबित होंगे।
सरकार की मानें तो इन एक्सप्रेसवे के बनने से कई शहरों के बीच सफर का समय आधे से भी कम हो जाएगा। उदाहरण के तौर पर, कानपुर-लखनऊ Expressway बनने के बाद दो बड़े शहरों के बीच का सफर महज़ 60 मिनट में तय किया जा सकेगा। वहीं, बेंगलुरू-चेन्नई Expressway से दूरी तो वही रहेगी, पर यात्रा का समय घटकर 2 घंटे रह जाएगा।
अगर नजर डालें इन परियोजनाओं पर, तो सबसे लंबा एक्सप्रेसवे दिल्ली-मुंबई Expressway है, जिसकी कुल लंबाई 1,386 किलोमीटर होगी। इसका असर सीधे तौर पर 7 से ज्यादा राज्यों पर पड़ेगा, जिनमें दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र शामिल हैं। इसके पूरे होते ही दिल्ली से मुंबई की दूरी महज 12 घंटे में तय की जा सकेगी।
Expressway | लंबाई (किमी) | राज्य/क्षेत्र |
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दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे | 1,386 | दिल्ली, हरियाणा, यूपी, राजस्थान, गुजरात, म.प्र., महाराष्ट्र, दादरा नगर हवेली |
अमृतसर-भटिंडा-जामनगर एक्सप्रेसवे | 917 | पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात |
सूरत-नासिक-सोलापुर एक्सप्रेसवे | 730 | गुजरात, महाराष्ट्र |
वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे | 612 | यूपी, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल |
दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे | 669 | दिल्ली, हरियाणा, पंजाब |
इंदौर-हैदराबाद एक्सप्रेसवे | 525 | म.प्र., महाराष्ट्र, तेलंगाना |
बेंगलुरू-चेन्नई एक्सप्रेसवे | 262 | कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु |
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे | 239 | दिल्ली, उत्तराखंड, यूपी |
हैदराबाद-विशाखापत्तनम एक्सप्रेसवे | 222 | तेलंगाना, आंध्र प्रदेश |
कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे | 63 | उत्तर प्रदेश |
इन तमाम “New Expressway” के बनने से न सिर्फ व्यापार को बल मिलेगा, बल्कि कृषि क्षेत्रों से मंडियों तक सामान की ढुलाई में भी जबरदस्त सुधार होगा। खासतौर पर किसानों को इसका सीधा फायदा मिलेगा, क्योंकि उनकी उपज अब जल्दी और कम खर्च में शहरों तक पहुंचेगी।
दिलचस्प बात यह है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच भी एक नया एक्सप्रेसवे प्रस्तावित है, जो इस तेजी से बढ़ते औद्योगिक इलाके को और मजबूती देगा।
सरकार की भारतमाला योजना इन परियोजनाओं के ज़रिए देश को एक “एक्सप्रेस इंडिया” की दिशा में ले जा रही है। कहीं से भी किसी भी शहर तक तेज़, सुरक्षित और सुगम यात्रा अब सपना नहीं, हकीकत बन रही है।