मेघदूत एग्रो, नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के विकास की रफ्तार अब और तेज होने वाली है, क्योंकि राज्य में एक New Expressway के निर्माण की योजना जोर पकड़ चुकी है, जो पूर्वांचल से लेकर पश्चिमी यूपी तक के सफर को न केवल सुगम बनाएगा, बल्कि राज्य की आर्थिक, परिवहन और पर्यटन संरचना को एक नया आयाम देगा।
करीब 700 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे, गोरखपुर से शुरू होकर शामली तक जाएगा और रास्ते में 22 प्रमुख जिलों जैसे लखनऊ, अयोध्या, बरेली, मेरठ, बस्ती, प्रयागराज, और मुरादाबाद को जोड़ेगा। यह परियोजना उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे होगा, जो पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के बाद राज्य के बुनियादी ढांचे में एक ऐतिहासिक योगदान देगा।
खास बात यह है कि इस मार्ग पर भी एयर स्ट्रिप यानी रनवे की सुविधा उपलब्ध होगी, ताकि आपातकालीन परिस्थितियों में फ्लाइट की लैंडिंग करवाई जा सके—यह सुविधा यूपी में एयर कनेक्टिविटी को और सशक्त बनाएगी।
इस New Expressway से लखनऊ, अयोध्या, वृंदावन, आगरा, वाराणसी और प्रयागराज जैसे प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों तक यात्रियों की पहुंच न केवल तेज बल्कि ज्यादा सुविधाजनक हो जाएगी। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस नए सुपरहाईवे से औद्योगिक विकास, रोजगार के अवसरों और वाणिज्यिक गतिविधियों में उल्लेखनीय इजाफा होगा।
इसके अलावा, पूर्वांचल और पश्चिमी यूपी के बीच सीधा संपर्क बन जाने से प्रदेश के अंदर व्यापार और कृषि उत्पादों के परिवहन की लागत भी घटेगी। निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की संभावना है और इस परियोजना को लेकर सरकार की मंशा बेहद स्पष्ट है—सड़कों के ज़रिए विकास को गांव-गांव तक पहुंचाना। ऐसे में New Expressway सिर्फ एक सड़क नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के भविष्य की नई दिशा बनकर उभरने वाला है।
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