Pastor Bajinder Singh Biography: अगर आपने पंजाब या हरियाणा के सोशल मीडिया पर कभी “प्रोफेट बजिंदर सिंह” का नाम सुना है, तो ये कोई आम धर्मगुरु नहीं हैं। ब्लेजर-शर्ट पहनकर, कॉरपोरेट स्टाइल में मंच से लोगों को संबोधित करने वाले बजिंदर सिंह आज लाखों लोगों के आध्यात्मिक गुरु बन चुके हैं। यूट्यूब पर उनके 36 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं, इंस्टाग्राम पर 10 लाख फॉलोअर्स, और जब वो सड़क पर निकलते हैं तो उनके पीछे हजारों की भीड़ होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये शख्स कभी जेल की सलाखों के पीछे था? उसकी जिंदगी में ऐसा क्या हुआ जो एक आम आदमी से वो करोड़ों के दिलों की धड़कन बन गया? चलिए, आज हम आपको बताते हैं Pastor Bajinder Singh की पूरी कहानी।
कौन हैं बजिंदर सिंह?
बजिंदर सिंह का जन्म हरियाणा के एक जाट सिख परिवार में हुआ था। उनकी वेबसाइट के मुताबिक, वो अभी 42 साल के हैं और बचपन से ही उन्हें काफी संघर्षों का सामना करना पड़ा। आठवीं क्लास में पढ़ते वक्त उन्हें कुछ गलत लोगों ने परेशान किया, और फिर 20 साल की उम्र में एक हत्या केस में उन्हें जेल जाना पड़ा। जेल में ही उनकी जिंदगी बदल गई। वहीं उनका ईसाई धर्म से जुड़ाव हुआ और 2012 के आसपास उन्होंने इस धर्म को अपना लिया।
बजिंदर सिंह के पीछे हजारों की भीड़ होती है मौजूद
इंस्टाग्राम पर बजिंदर सिंह के 10 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। बजिंदर सिंह जब सड़क पर निकलते हैं तो ऐसा लगता है कि मानो कोई रैली निकली है जिसके पीछे हजारों लोगों की भीड़ मौजूद होती है। चंडीगढ़ में 25 दिसंबर की शाम क्रिसमस का जश्न मनाया गया था। इस दौरान रंगारंग कार्यक्रम में जया प्रदा, अरबाज खान, रजा मुराद, तुषार कपूर समेत कई सेलेब्रिटीज पहुंचे थे। कुल मिलाकर बड़े पैमाने पर उन्हें मानने वाले लोग हैं।
जेल जा चुके बजिंदर सिंह कैसे बने ईसाई धर्मगुरु?
बजिंदर सिंह का जन्म हरियाणा के एक जाट परिवार में हुआ था। बजिंदर सिंह की वेबसाइट के मुताबिक उनकी उम्र 42 साल है और जब वो आठवीं क्लास में थे तब गलत लोग उन्हें बेहद परेशान करते थे। बजिंदर सिंह के ही वीडियो में बताया गया है कि 20 साल की उम्र में वो हत्या के मामले में फंसे थे और जेल में ही रहते हुए उनका ईसाई धर्म से जुड़ाव हुआ। बताया जाता है कि 12 साल पहले साल 2012 के आसापस वो वक्त था जब जेल में रहते हुए बजिंदर सिंह ने ईसाई धर्म का रुख किया था।
बजिंदर सिंह कैसे हो गए इतने लोकप्रिय?
बजिंदर सिंह लोकप्रियता के ऐसे शिखर पर कैसे पहुंच गए? तो जवाब है चमत्कार और ईसाई धर्म गुरु की भविष्यवाणियां ने उन्हें लोकप्रिय बना दिया। 2012 के बाद बजिंदर सिंह ने शुरुआत जालंधर के ताजपुर गांव से की थी जहां वो अपने चमत्कारिक शक्तियों से गंभीर से गंभीर रोगों को ठीक करने का दावा करते थे। बजिंदर सिंह की वेबसाइट के मुताबिक साल 2016 में चंडीगढ़ के चर्च में पहली सभा का आयोजन किया गया था जिसमें करीब 100 लोग मौजूद थे। उसी साल जालंधर में एक और चर्च शुरू किया गया जिसमें 50 लोग जमा हुए थे।
बजिंदर सिंह मिनिस्ट्री के नाम से मौजूद वेबसाइट के पन्ने पर देश के कोने-कोने में, फरीदाबाद से लेकर शिमला तक और कर्नाटक, छत्तीसगढ़ से लेकर ओडिशा तक के पते मौजूद हैं। विदेश में भी बजिंदर सिंह की शाखाएं हैं, जिसमें अमेरिका से लेकर इजरायल और मॉरिशस से लेकर मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया तक का नाम है। अब आलम ये है कि बजिंदर सिंह के मंच पर होने वाली प्रार्थना सभा में चमत्कार को देखने के लिए हजारों वाली भीड़ लाखों की हो चुकी है।
धर्मांतरण के आरोपों पर क्या बोले?
बजिंदर सिंह की लोकप्रियता के साथ धर्मांतरण के आरोपों से भी उनका नाम जुड़ा है। एबीपी न्यूज़ ने जब उनसे ये सवाल किया तो उन्होंने धर्मांतरण के आरोप से इनकार किया। उन्होंने कहा कि जो ईसाई धर्म में आते हैं वो अपनी इच्छा से आते हैं।
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