Pastor Bajinder Singh मोहाली की अदालत ने 2018 के बलात्कार मामले में पादरी बजिंदर सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इससे पहले, गत शुक्रवार को स्वयंभू ईसाई धर्म प्रचारक बजिंदर सिंह को इस मामले में दोषी ठहराया गया था। अदालत ने आज सजा पर अंतिम निर्णय सुनाया।
IPC की धाराओं में दोषी साबित अदालत ने बजिंदर सिंह को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 (बलात्कार), 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाने के लिए सजा) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दोषी ठहराया। सजा सुनाए जाने के बाद 42 वर्षीय पादरी को पटियाला जेल भेज दिया गया था।
अन्य पांच आरोपी बरी
इस मामले में पांच अन्य आरोपियों – अकबर भट्टी, राजेश चौधरी, जतिंदर कुमार, सितार अली और संदीप पहलवान को अदालत ने बरी कर दिया। मामला 2018 में जीरकपुर पुलिस थाने में एक महिला द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था।
पीड़िता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि बजिंदर सिंह ने उसे विदेश ले जाने का झांसा दिया और मोहाली के सेक्टर 63 स्थित अपने आवास पर बुलाकर उसके साथ बलात्कार किया। पीड़िता ने यह भी दावा किया कि आरोपी ने घटना का वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की धमकी दी थी।
यह सजा ऐसे समय में दी गई है जब बजिंदर सिंह 28 फरवरी को दर्ज किए गए यौन उत्पीड़न के एक अन्य मामले में जांच का सामना कर रहा है। कपूरथला पुलिस ने 22 वर्षीय महिला द्वारा लगाए गए उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है।
इसके अलावा, 25 मार्च को मोहाली पुलिस ने पादरी के खिलाफ मारपीट और अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया था। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में बजिंदर सिंह को एक महिला से बहस करते और उसे थप्पड़ मारते हुए देखा गया था। हालांकि, सिंह ने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया है।
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