मेघदूत एग्रो, सोशल मीडिया डेस्क: सोशल मीडिया पर इन दिनों एक ऐसा चौंकाने वाला वीडियो वायरल हो रहा है जिसने लोगों के रोंगटे खड़े कर दिए हैं और कहानियों पर फिर से बहस छेड़ दी है।
इस वीडियो में एक बुजुर्ग व्यक्ति की मौत के बाद उसका अंतिम संस्कार शुरू हो चुका था—उसे चिता पर लिटा कर लकड़ियों और उपलों से ढक दिया गया था, और परिजनों ने अंतिम विदाई देते हुए चिता को अग्नि भी दे दी थी।
लेकिन जैसे ही आग की लपटें उठीं और धुंआ हवा में फैला, अचानक चिता पर लेटा वह शख्स जिंदा हो गया और लकड़ियों को हटाते हुए तेजी से वहां से भाग निकला। यह दृश्य देख वहां मौजूद रिश्तेदार और ग्रामीण स्तब्ध रह गए, किसी को समझ नहीं आया कि ये माजरा क्या है। इस वीडियो की पुष्टि भले ही
मेघदूत एग्रो की डेस्क टीम या अन्य मीडिया संस्थान नहीं कर रहे, लेकिन इंस्टाग्राम पर यह वीडियो अब तक 1.54 करोड़ से अधिक बार देखा जा चुका है, और दूसरी क्लिप को 45 लाख से ज्यादा बार।
कुछ यूजर्स ने इस पर मजेदार कमेंट्स किए हैं—क्षितिज बापना ने लिखा, “आज मूड नहीं कर रहा मरने का!”, तो अनुश्री कृतिका का कहना था, “नर्क में भी जगह नहीं मिली, इसलिए वापस भेज दिया गया।”
इस घटना की सत्यता को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं, जैसे कि चिता पर कफन की बजाय धोती-कुर्ते में शव क्यों रखा गया? क्या यह वीडियो महज मनोरंजन के लिए शूट किया गया स्क्रिप्टेड कंटेंट है? हालांकि, दुनिया भर से पहले जैसे रहस्यमयी मामलों की कहानियां सामने आ चुकी हैं, लेकिन इस वीडियो ने उस विश्वास को फिर से जगा दिया है।
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यह घटना कहां की है, इसकी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन इसकी लोकप्रियता सोशल मीडिया पर बेतहाशा बढ़ रही है, जिससे यह साफ है कि इस तरह की घटनाएं अब सिर्फ किस्सों तक सीमित नहीं रहीं—लोग इन्हें वीडियो के जरिए साक्षात देखने लगे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि कभी-कभी गहरी बेहोशी या श्वसन संबंधी रुकावट के कारण शरीर मृत प्रतीत हो सकता है, लेकिन चिकित्सा विज्ञान के अनुसार ‘क्लिनिकल डेथ’ और ‘बायोलॉजिकल डेथ’ में अंतर होता है। इसलिए बिना पुष्टि के इस तरह की घटनाओं को ‘पुनर्जन्म’ मान लेना जल्दबाजी हो सकती है।
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