Public Holiday 2025, 14 April Holiday: केंद्र सरकार ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के मौके पर 14 अप्रैल 2025 (सोमवार) को देशभर में Public Holiday घोषित किया है। यह फैसला कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा लिया गया है, जिसके तहत सभी केंद्रीय सरकारी कार्यालयों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों और सार्वजनिक संस्थानों में इस दिन अवकाश रहेगा। डॉ. अंबेडकर ने न सिर्फ भारतीय संविधान को आकार दिया, बल्कि सामाजिक न्याय और दलित उत्थान के लिए भी ऐतिहासिक संघर्ष किया, जिसके लिए उन्हें हर साल इस दिन याद किया जाता है।
कहाँ-कहाँ लागू होगी यह छुट्टी?
इस Public Holiday का असर सिर्फ सरकारी दफ्तरों तक ही सीमित नहीं होगा। यूपीएससी, सीवीसी, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, केंद्रीय सूचना आयोग और अन्य महत्वपूर्ण संस्थानों में भी यह छुट्टी मान्य होगी। साथ ही, सभी स्वायत्त निकायों, सरकारी स्कूलों, कॉलेजों और अधीनस्थ कार्यालयों को भी इसका पालन करना होगा। मंत्रालय ने इसकी जानकारी पीआईबी, शास्त्री भवन और डीओपीटी की वेबसाइट पर भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं, ताकि सभी को इसकी सही जानकारी मिल सके।
क्या निजी क्षेत्र में भी होगी छुट्टी?
हालांकि यह Public Holiday मुख्य रूप से सरकारी संस्थानों के लिए है, लेकिन कई निजी कंपनियाँ और शैक्षणिक संस्थान भी इस दिन अवकाश देते हैं। अगर आप किसी प्राइवेट संगठन में काम करते हैं, तो अपने एचआर विभाग से पुष्टि जरूर कर लें। वहीं, बैंकों और स्टॉक मार्केट पर भी इसका असर हो सकता है, इसलिए जरूरी लेन-देन के लिए पहले से योजना बना लें।
क्यों मनाई जाती है डॉ. अंबेडकर जयंती?
14 अप्रैल को डॉ. बी. आर. अंबेडकर का जन्मदिन मनाया जाता है, जिन्हें भारतीय संविधान का मुख्य शिल्पकार माना जाता है। उन्होंने दलितों और वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए लंबा संघर्ष किया और भारत को एक समतामूलक समाज बनाने में अहम भूमिका निभाई। इस दिन देशभर में उनकी प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया जाता है, सेमिनार आयोजित होते हैं और सामाजिक एकता के संदेश फैलाए जाते हैं।
अगर आपको इस दिन काम करना पड़े तो?
अगर आपका संगठन इस Public Holiday में काम करवाता है, तो आपको अतिरिक्त वेतन या कॉम्प ऑफ की सुविधा मिल सकती है। श्रम कानूनों के तहत, कुछ राज्यों में सरकारी छुट्टियों पर काम करने वाले कर्मचारियों को डबल पेमेंट या अवकाश का विकल्प दिया जाता है। इसलिए, अपने अधिकारों के बारे में जागरूक रहें!
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