Rajasthan Agriculture Department : सर्दी के मौसम में पाले का प्रकोप किसानों के लिए बड़ी चुनौती बनता है। फसलों पर पाले का असर उत्पादन और गुणवत्ता दोनों को प्रभावित करता है। इस समस्या को देखते हुए राजस्थान के कृषि विभाग ने पाले से बचाव के लिए किसानों को महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं।
फसलों को ढंकने की सलाह
राजस्थान कृषि विभाग के अनुसार, सीमित क्षेत्र वाले उद्यान, नर्सरी, और नकदी फसलों को पाले से बचाने के लिए किसानों को रात में फसल को टाट या भूसे से ढंकने की सलाह दी गई है। दिन के समय फसल को खुले में रखना चाहिए, ताकि उन्हें पर्याप्त धूप मिल सके।
हल्की सिंचाई का महत्व
किसानों को उन दिनों में, जब पाले की संभावना हो, फसलों में हल्की सिंचाई करने की सलाह दी गई है। विभाग के अनुसार, नमी वाली भूमि में तापमान ज्यादा समय तक स्थिर रहता है और शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं गिरता। यह प्रक्रिया पाले से फसलों को होने वाले नुकसान से बचाती है।
गंधक और थायो यूरिया का छिड़काव
पाले से बचाव के लिए किसानों को 0.2 प्रतिशत घुलनशील गंधक का छिड़काव करने की सलाह दी गई है। इसे 2 ग्राम गंधक को एक लीटर पानी में घोलकर छिड़कना चाहिए। इसका असर फसल पर लगभग दो हफ्तों तक रहता है। लगातार पाले की स्थिति में छिड़काव को हर 15 दिन में दोहराने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही, थायो यूरिया का छिड़काव भी लाभदायक माना गया है।
गंधक छिड़काव के फायदे
गंधक का छिड़काव न केवल फसलों को पाले से बचाता है, बल्कि पौधों में जैविक और रासायनिक सक्रियता बढ़ाता है। यह प्रक्रिया फसल को जल्दी पकने में मदद करती है और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाती है।
हवा से बचाव के लिए पेड़ों का सहारा
फसलों को ठंडी हवा से बचाने के लिए खेतों की उत्तरी-पश्चिमी मेड़ों और खेत के बीच में पेड़ लगाने की सलाह दी गई है। शहतूत और शीशम जैसे पेड़ों का उपयोग किया जा सकता है, जो भविष्य में फसलों को पाले और ठंडी हवाओं से बचाने में मददगार हो सकते हैं।
कहां से लें अधिक जानकारी
राजस्थान के किसान अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी कृषि कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं या निःशुल्क हेल्पलाइन नंबर 18001801551 पर कॉल कर सकते हैं।
राजस्थान कृषि विभाग ने यह जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (एक्स) पर साझा की है।
पाले से फसलों के बचाव।@RajGovOfficial @RajCMO @DIPRRajasthan @DrKirodilalBJP pic.twitter.com/AWH7Cg6geH
— Department of Agriculture, Rajasthan (@AgrDir) January 3, 2025
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