Red rice price in India: भारत में चावल की कई किस्में होती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हिमाचल प्रदेश में उगाए जाने वाले लाल चावल की कीमत 800 रुपये प्रति किलो तक हो सकती है? यह अनोखा चावल न केवल अपने स्वाद और सुगंध के लिए मशहूर है, बल्कि इसमें छिपे औषधीय गुण इसे और भी खास बनाते हैं।
लाल चावल का इतिहास और महत्व
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, लाल चावल का उपयोग लगभग 10,000 वर्षों से हो रहा है। इसे मुख्यतः औषधीय और पोषण संबंधी उपयोगों के लिए जाना जाता है। ब्लड प्रेशर, कब्ज, ल्यूकोरिया और महिला रोगों के उपचार में इसका परंपरागत रूप से इस्तेमाल किया जाता है।
पैजा चावल: लाल चावल की खास किस्म
हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में रामपुर के लवी मेले में “पैजा चावल” इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। यह चावल न केवल जैविक है, बल्कि शुगर फ्री भी है। इसे खासतौर पर शुगर के मरीजों के लिए फायदेमंद माना जाता है। पैजा चावल का सूप पेट के लिए बेहद लाभकारी होता है। यह राष्ट्रपति से सम्मानित चावल है और इसे पेटेंट भी करवाया गया है। इसकी कीमत प्रति किलो 800 रुपये है।
लाल चावल कहां उगता है?
लाल चावल को पानी की प्रचुरता वाले क्षेत्रों में उगाया जाता है। हिमाचल प्रदेश के शिमला, कुल्लू, चंबा, सिरमौर, और कांगड़ा जिलों में इसकी खेती होती है।
- शिमला: सुरु कूट, कुथरु, गानवी, जांगल आदि इलाकों में 213 हेक्टेयर क्षेत्र में।
- चंबा: मानी, पुखरी, साहो, कीड़ी, सलूणी, तीसा जैसे इलाकों में 107 हेक्टेयर क्षेत्र में।
- कांगड़ा और कुल्लू: कांगड़ा में लाल झिन्नी और कुल्लू में जतू व मटाली किस्में।
लाल चावल की किस्में और उनकी विशेषताएं
हिमाचल प्रदेश में लाल चावल की विभिन्न किस्में उगाई जाती हैं, जैसे:
क्षेत्र | किस्म | विशेषताएं |
---|---|---|
रोहड़ू | छोहारटू | सुगंधित और औषधीय गुण। |
चंबा | सुकारा तियान | पोषक तत्वों से भरपूर। |
कांगड़ा | लाल झिन्नी | प्रीमियम गुणवत्ता। |
कुल्लू | जतू और मटाली | उच्च उत्पादकता और स्वादिष्ट। |
औषधीय गुण और पोषण
लाल चावल में कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो इसे खास बनाते हैं। इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो पाचन तंत्र को दुरुस्त रखती है। इसके औषधीय गुण ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने, कब्ज से राहत दिलाने और इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं।
डिमांड और कीमत में वृद्धि
हिमाचल प्रदेश के लाल चावल की डिमांड केवल स्थानीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी बढ़ रही है। इसकी अनूठी विशेषताएं और स्वास्थ्य लाभ इसे प्रीमियम कैटेगरी में रखते हैं।
लाल चावल के फायदे
- शुगर फ्री: डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभदायक।
- पेट के लिए रामबाण: सूप के रूप में उपयोगी।
- औषधीय गुण: ब्लड प्रेशर और कब्ज के लिए उपयोगी।
- जैविक खेती: केमिकल फ्री और शुद्ध।
हिमाचल प्रदेश का लाल चावल न केवल एक फसल है, बल्कि यह राज्य की कृषि परंपरा और औषधीय विरासत का प्रतीक है। इसकी बढ़ती लोकप्रियता और स्वास्थ्य लाभ इसे हर किसी की पसंद बना रहे हैं। अगर आप भी सेहत और स्वाद का अनूठा अनुभव चाहते हैं, तो हिमाचल के इस अनोखे लाल चावल को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।
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