मेघदूत एग्रो, हरियाणा: अप्रैल की शुरुआत से ही बेमौसम बारिश, तेज आंधी-तूफान और ओलावृष्टि ने रबी फसलों पर भारी तबाही मचाई है, जिससे देश के कई राज्यों में फसलों को भारी नुकसान की खबरें आ रही हैं। गुरुवार को उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और तेलंगाना समेत अन्य राज्यों में हुई असमय बारिश और आंधी ने न केवल खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद कीं, बल्कि कई जगह कटी हुई मिर्च और अनाज भीगकर खराब हो गईं।
खासकर बिहार और यूपी में हालात बेहद गंभीर हैं, जहां कई लोगों की जान भी गई है, जिसके बाद सरकार ने मृतकों के परिवारों को राहत राशि देने का ऐलान किया है। बिहार के उपमुख्यमंत्री और कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने जिलों को निर्देश दिए हैं कि वे खेतों में जाकर नुकसान का आंकलन करें और 24 घंटे के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें, ताकि किसानों को मुआवजा मिल सके।
इसी कड़ी में बाजार समिति प्रांगणों के निर्माण कार्य की भी समीक्षा की गई, जो मई तक पूरा हो जाएगा। मंत्री ने स्पष्ट किया कि इन समितियों के विकसित होने से किसानों को अपने उत्पादों के बेहतर दाम मिलेंगे और उनकी आमदनी में वृद्धि होगी। गया (चंदौती) और वैशाली में काम पूरा हो चुका है, जबकि पूर्वी और पश्चिम चंपारण में कार्य 15 मई तक पूर्ण होने की संभावना है।
‘एक राष्ट्र, एक बाजार’ नीति के तहत आधुनिक बाजार सुविधाएं जैसे अनाज, फल-सब्जी और मछली के लिए अलग बाजार, कोल्ड स्टोरेज, भंडारण सुविधा, शौचालय, बिजली-पानी, सुरक्षा और सड़कें उपलब्ध कराई जाएंगी। इस योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि राज्य की सभी कृषि उत्पादन बाजार समितियों का चरणबद्ध विकास किया जाएगा।
कृषि सचिव संजय कुमार अग्रवाल और अन्य वरीय अधिकारियों के साथ की गई उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया कि मौसम की मार से प्रभावित किसानों को जल्द से जल्द राहत दी जाए। विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के इस दौर में खेती को सुरक्षित रखने के लिए ऐसी योजनाएं बेहद जरूरी हैं। किसानों से जुड़ी अधिक जानकारी और सरकारी योजनाओं के लिए Meghdoot Agro की वेबसाइट पर विज़िट करें।