मेघदूत एग्रो नई दिल्ली | किराए पर मकान देने वालों के लिए एक खुश खबर सामने आई है। बता दें कि केंद्र सरकार (Central Govt) ने किराए पर दी गई संपत्ति से अर्जित इनकम पर टैक्स कटौती की सीमा को मौजूदा 2।4 लाख रुपये वार्षिक से बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दिया है।
वित्त वर्ष 2025- 26 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किराए पर स्त्रोत पर कर कटौती (TDS) की वार्षिक सीमा बढ़ाने की घोषणा की थी। इससे TDS के लिए उत्तरदायी लेनदेन की संख्या कम हो जाएगी, जिससे छोटे भुगतान लेने वाले करदाताओं को लाभ होगा। यह नया नियम नए फाइनेंशियल ईयर के पहले दिन यानि 1 अप्रैल से लागू हो जाएगा।
आयकर अधिनियम की धारा 194- I के मुताबिक, किराये के तौर पर निवासी को कोई भी राशि देते समय लागू दरों पर आयकर उस वक्त काटना चाहिए, जब किराये की आय एक वित्त वर्ष में 2।4 लाख रूपए से ज्यादा हो। हालांकि, बजट 2025- 26 में किराये के रूप में आय की इस कर कटौती सीमा को बढ़ाकर 50 हजार रूपए प्रति माह करने का प्रस्ताव रखा गया है। यह प्रावधान व्यक्तिगत करदाता या अविभाजित हिंदू परिवार से इतर ही लागू होगा।
आसान शब्दों में समझें तो यदि जमीन या मशीनरी को कुछ महीनों के लिए किराए पर लिया जाता है और किराया 50 हजार रूपए से ज्यादा हैं, तो फिर TDS कटौती अनिवार्य होगी। किराए पर वार्षिक TDS सीमा को 6 लाख रूपए किए जाने से छोटे करदाताओं और मकान मालिकों को बड़े स्तर पर लाभ पहुंचेगा और अनुपालन बोझ भी कम होगा।
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