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IPS Success Story: बेहद प्रेरणादायक है स्कूल से निकाले गए इस IPS ऑफिसर की सक्सेस जर्नी, जानिये कैसे पाई सफलता?

IPS Success Story: बेहद प्रेरणादायक है स्कूल से निकाले गए इस IPS ऑफिसर की सक्सेस जर्नी, जानिये कैसे पाई सफलता?

मेघदूत एग्रो, मोटिवेशनल डेस्क: UPSC Success Story of Akash Kulhari: यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को पास करना हर किसी के बस की बात नहीं होती। लेकिन जब कोई इंसान ठान ले कि उसे अपनी पहचान खुद बनानी है, तो हालात भी उसके हौसले के सामने झुक जाते हैं। आकाश कुल्हारी की कहानी भी कुछ ऐसी ही है – एक ऐसा लड़का जिसे स्कूल ने बाहर कर दिया था, लेकिन उसने ज़िंदगी की सबसे बड़ी परीक्षा को पहले ही प्रयास में पास कर दिखाया।

🏡 राजस्थान के छोटे से शहर से निकलकर बड़े सपनों तक की उड़ान

आकाश कुल्हारी का जन्म राजस्थान के बीकानेर ज़िले में हुआ था। स्कूल के दिनों में वो कोई होनहार छात्र नहीं थे। पढ़ाई में लगातार पिछड़ते गए और हालात ऐसे बने कि कक्षा 10 के बाद उन्हें 11वीं में दाखिला तक नहीं मिला – वजह थी सिर्फ 57% अंक। आमतौर पर लोग यहीं हार मान लेते हैं, लेकिन आकाश ने नहीं मानी।

उन्होंने केंद्रीय विद्यालय में दोबारा दाखिला लिया और खुद से वादा किया कि अब वक्त बदलना है। नतीजा – कक्षा 12 में 85% अंक लेकर सबको चौंका दिया।

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📚 कॉमर्स से लेकर JNU तक का सफर और UPSC की तैयारी

स्कूल की पढ़ाई के बाद आकाश ने बीकानेर के दुग्गल कॉलेज से बी.कॉम किया। इसके बाद दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में एम.ए. की पढ़ाई की। पढ़ाई के दौरान ही उन्हें खुद पर भरोसा हुआ कि वो भी कुछ बड़ा कर सकते हैं। यहीं से शुरू हुई उनकी यूपीएससी की तैयारी।

एम.फिल में दाखिला लेने के साथ-साथ उन्होंने दिल लगाकर पढ़ाई की और तैयारी को अपने जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य बना लिया।

🏆 पहले ही प्रयास में UPSC क्लियर, बने IPS अधिकारी

2005 में आकाश ने यूपीएससी परीक्षा दी। ये उनका पहला प्रयास था – और उन्होंने कर दिखाया! 273वीं रैंक हासिल की और 2006 बैच के आईपीएस अधिकारी बन गए। आज वो उत्तर प्रदेश कैडर में कार्यरत हैं और IG (जन शिकायत), DGP मुख्यालय के पद पर सेवाएं दे रहे हैं।

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💡 सीख क्या है इस कहानी से?

आकाश कुल्हारी की सफलता सिर्फ एक परीक्षा पास करने की नहीं है, यह एक सोच को बदलने की कहानी है। वह सोच जो कहती है, “अगर शुरुआत खराब है तो अंत भी वैसा ही होगा।” आकाश ने साबित कर दिया कि असफलता हमेशा अंतिम नहीं होती, जब तक आप हार नहीं मानते।

क्या आप भी ज़िंदगी में कुछ बड़ा करना चाहते हैं? तो एक बार खुद से वादा कीजिए – कि चाहे हालात जैसे भी हों, आप रुकेंगे नहीं। क्योंकि जब हौसला हो बुलंद, तो मंज़िलें भी झुक जाती हैं।

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