केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में मध्य प्रदेश के रायसेन से NAKSHA (National geospatial Knowledge-based land Survey of urban Habitations) पहल की शुरुआत की। यह कार्यक्रम शहरी भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल और आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। NAKSHA, डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड्स मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम (DIL-RMP) के तहत शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में भूमि रिकॉर्ड को सुव्यवस्थित और सटीक बनाना है। इस पहल से शहरी नियोजन, संपत्ति कर संग्रह और भूमि विवादों को सुलझाने में मदद मिलेगी।
NAKSHA क्या है?
NAKSHA एक शहरी सर्वेक्षण और मैपिंग पहल है, जिसे ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग (DoLR) द्वारा संचालित किया जा रहा है। इसके तहत 26 राज्यों के 152 शहरी स्थानीय निकायों में सर्वेक्षण किया जाएगा। इस पायलट प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य शहरी भूमि रिकॉर्ड के लिए एक व्यापक और सटीक भू-स्थानिक डेटाबेस तैयार करना है। इसमें हवाई और जमीनी सर्वेक्षण को उन्नत GIS (Geographic Information System) तकनीक के साथ जोड़ा जाएगा, जिससे भूमि प्रशासन और संपत्ति स्वामित्व रिकॉर्ड को सुव्यवस्थित किया जा सकेगा।
NAKSHA की आवश्यकता क्यों पड़ी?
भारत के शहरी क्षेत्रों में भूमि रिकॉर्ड को अपडेट करने की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि रिकॉर्ड प्रणाली में सुधार हुआ है, लेकिन शहरी इलाकों में अभी भी पुराने और अव्यवस्थित रिकॉर्ड मौजूद हैं। इससे शासन, कर संग्रह और नगर नियोजन में कई समस्याएं आती हैं। NAKSHA पहल इसी समस्या को दूर करने के लिए शुरू की गई है। पिछले साल के केंद्रीय बजट में इसका प्रस्ताव रखा गया था, और अब इसे लागू किया जा रहा है।
NAKSHA के लाभ
- डिजिटल भूमि रिकॉर्ड: शहरी क्षेत्रों में भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में तैयार किया जाएगा।
- भूमि विवादों में कमी: सटीक डेटा से भूमि विवादों को सुलझाने में मदद मिलेगी।
- शहरी नियोजन: शहरी विकास और नियोजन तेज और अधिक प्रभावी होगा।
- संपत्ति कर संग्रह: संपत्ति कर संग्रह में सुधार होगा, जिससे शहरी स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी।
NAKSHA पर कितना खर्च आएगा?
इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत 4,142.63 वर्ग किमी क्षेत्र को कवर किया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार करीब 194 करोड़ रुपये खर्च करेगी। सर्वेक्षण की लागत निम्नानुसार होगी:
सर्वेक्षण प्रकार | लागत (प्रति वर्ग किमी) |
---|---|
साधारण कैमरे से सर्वेक्षण | 25,000 से 30,000 रुपये |
3D कैमरे से सर्वेक्षण | 60,000 रुपये |
NAKSHA कैसे काम करेगा?
NAKSHA कार्यक्रम को तीन चरणों में लागू किया जाएगा:
- पहला चरण: सर्वेक्षण क्षेत्र का चयन, ड्रोन उड़ान योजना तैयार करना और डेटा एकत्र करना।
- दूसरा चरण: जमीनी सर्वेक्षण करना, संपत्ति कर और स्वामित्व दस्तावेजों को जोड़ना, और 2D/3D मॉडल तैयार करना।
- तीसरा चरण: दावे और आपत्तियां आमंत्रित करना, सुधार के बाद अंतिम मानचित्र प्रकाशित करना।
NAKSHA का भविष्य
NAKSHA पहल भारत के शहरी क्षेत्रों में भूमि प्रशासन को पूरी तरह बदल सकती है। इससे न केवल भूमि विवादों में कमी आएगी, बल्कि शहरी नियोजन और विकास को भी गति मिलेगी। यह डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और बड़ा कदम है, जो भारत को एक आधुनिक और पारदर्शी भूमि प्रबंधन प्रणाली की ओर ले जाएगा।
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