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सरकार से ज्यादा बाजार दे रहा गेहूं के भाव, तो सरकार को क्यों बेचेंगे किसान?

बिहार में रबी सीजन 2025-26 के तहत गेहूं खरीद शुरू, एमएसपी ₹2,425 प्रति क्विंटल। लेकिन बाजार में कीमत ₹2,800 तक पहुंची, जिससे किसान सरकार को गेहूं बेचने से कतरा रहे हैं। जानिए पूरी खबर।

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मेघदूत एग्रो, बिहार: बिहार समेत कई राज्यों में गेहूं की कटाई शुरू हो चुकी है। इसके साथ ही, आज यानी 1 अप्रैल से राज्य में रबी मार्केटिंग सीजन 2025-26 के तहत सरकार ने गेहूं की खरीदारी भी शुरू कर दी है, जो 15 जून 2025 तक जारी रहेगी। सहकारिता विभाग के मंत्री डॉ। प्रेम कुमार इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए निरंतर समीक्षा बैठकें कर रहे हैं और विभिन्न जिलों का भ्रमण कर रहे हैं। इस सीजन में राज्य के किसानों से 2,00,000 मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया है।

इसमें से 1,50,000 मीट्रिक टन गेहूं की खरीदारी पैक्स और व्यापार मंडलों द्वारा की जाएगी, जबकि शेष 50,000 मीट्रिक टन गेहूं भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा सीधे किसानों से खरीदा जाएगा। भारत सरकार ने इस वर्ष गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2,425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, जो पिछले साल की तुलना में 150 रुपये अधिक है।

सरकारी रेट से ज्यादा कीमत पर बाजार में बिक रहा गेहूं

सासाराम-भभुआ सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के उपाध्यक्ष विजय बहादुर सिंह का कहना है कि भले ही सरकार ने गेहूं की खरीदारी शुरू कर दी हो, लेकिन बाजार में गेहूं 2,800 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रहा है। ऐसे में किसान सरकार को गेहूं क्यों बेचेंगे? इसके अलावा, पिछले कुछ वर्षों में सरकार द्वारा निर्धारित गेहूं खरीद लक्ष्य भी पूरा नहीं हो पाया है। किसानों का मानना है कि कई अन्य राज्य गेहूं खरीद पर अतिरिक्त बोनस दे रहे हैं। इसलिए बिहार सरकार को भी इस पर विचार करना चाहिए क्योंकि लागत के अनुसार सरकारी दाम कम हैं।

राज्य के 4,476 पैक्स और व्यापार मंडल करेंगे गेहूं की खरीद

सहकारिता विभाग ने गेहूं खरीद की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। राज्य के सभी 38 जिलों के 4,476 पैक्स और व्यापार मंडलों को चयनित कर 2,08,33,24,025 रुपये का कैश क्रेडिट सहकारी बैंकों के माध्यम से जारी किया गया है। गेहूं बिक्री के 48 घंटे के भीतर किसान के खाते में भुगतान सुनिश्चित करने की व्यवस्था की गई है। राज्य के रैयत (भूमिधारी) और गैर-रैयत (भूमिहीन) दोनों तरह के किसानों से गेहूं की खरीदारी की जाएगी। इसके अलावा, पिछले साल पोर्टल पर आवेदन कर लाभान्वित हो चुके किसानों को इस बार दोबारा आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी। ऐसे किसानों को स्वतः इस वर्ष भी गेहूं बिक्री के लिए कैरी फॉरवर्ड कर दिया गया है।

उच्च गेहूं उत्पादन वाले जिलों को सरकार कर रही प्रोत्साहित

सहकारिता विभाग ने खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने और किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने के लिए राज्य के 20 उच्च गेहूं उत्पादक जिलों को चिन्हित किया है। इनमें पटना, औरंगाबाद, गया, बेगूसराय, पश्चिमी चंपारण और पूर्वी चंपारण सहित अन्य जिले शामिल हैं। इन जिलों में उच्च उत्पादन वाली न्यूनतम 20-20 पंचायत समितियों से सरकार सीधे संपर्क कर रही है और अधिकतम गेहूं अधिप्राप्ति के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। इसके अलावा, वर्ष 2021-22 के दौरान कोविड महामारी के समय लक्षित गेहूं अधिप्राप्ति में योगदान देने वाले 96,000 किसानों से विभाग सीधा संपर्क कर रहा है और उन्हें सरकार को एमएसपी पर गेहूं बेचने के लिए प्रेरित कर रहा है।

सरकार से ज्यादा बाजार दे रहा गेहूं के भाव, तो सरकार को क्यों बेचेंगे किसान?

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